वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण (Gyanvapi Case) को लेकर सियासी बयानबाजी का सिलसिला जारी है। इस क्रम में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण को स्मोक स्क्रीन बताते हुए कहा कि जानबूझकर भाजपा इसे उठाकर अपने उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने में लगी है। उन्होंने कहा कि हमारे हिंदू धर्म में यह है कि कहीं पर भी पत्थर रख दो, एक लाल झंडा रख दो, पीपल के पेड़ के नीचे तो मंदर बन गया।
यही नहीं, अखिलेश यादव ने इशारों ही इशारों में बाबरी मस्जिद को लेकर भी बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब रात के समय मूर्तियां रख दी गई थीं। इससे पहले सिद्धार्थनगर में अखिलेश यादव ने कहा कि सदन चलने वाला है। ज्ञानवापी और मथुरा के मुद्दे पर सबका ध्यान भटकाने का काम किया जा रहा है।
सिद्धार्थनगर से लौटते समय सपा चीफ देवकाली के पास ताराजी रिसॉर्ट में मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने योगी सरकार पर आरोप लगाया कि उसे सदन में बुनियादी सवालों का जवाब न देना पड़े मात्र 9 दिन में निपटाना चाहती है।
अखिलेश ने कहा कि प्रदेश की जनता ने समाजवादी पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है। विधानसभा सत्र ज्यादा दिन का होना चाहिए। उन्होंने बीजेपी पर अंग्रेजों की तरह समाज को बांटने व राज करने का आरोप लगाया। पेट्रोल, डीजल, कोयला, लोहा, स्टील की कीमतों को गिनाते हुए महंगाई का हवाला दिया।
सपा चीफ ने कहा कि एयरपोर्ट, रेल, सड़क, एलआइसी को बेचा जा रहा है। सरकार बनने के बाद अब योगी सरकार गरीबों को पहचानने से इन्कार कर रही है। गांव में मुनादी करा अपात्र साबित कर 24 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गेहूं का दाम वसूलेगी। सरकार के मित्रों ने जब किसानों से गेहूं खरीद लिया तो निर्यात पर रोक लगा दी। लाखों क्विंटल गेहूं देश के कई बंदरगाहों पर ट्रकों में लोड है। अब आटा महंगा खरीदने के लिए तैयार होना पड़ेगा।
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