हाल ही में कई जिलों के एसपी और एसएसपी के कार्यक्षेत्र में बदलाव हुआ है। ऐसे में हर नया पुलिस कप्तान अपने जिले को समझने में लगा है। इसी बीच बरेली के नवनियुक्त एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, बरेली के नवनियुक्त एसएसपी ने ट्विटर पर आई एक शिकायत का कुछ ऐसा जवाब दिया कि वो चर्चा में आ गए। लोगों ने एसएसपी से सवाल पूछना शुरू कर दिया। अपने जवाब की वजह से एसएसपी सुर्खियों में आ गए हैं।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, ट्वीट पर री-ट्वीट का मामला हाफिजगंज क्षेत्र से जुड़ा है। एक गांव में रहने वाली महिला का ननदोई से विवाद चल रहा। उनका आरोप था कि पांच जुलाई तो पति मजदूरी करने गए, उसी समय आरोपित ननदोई घर आ गया। छेड़छाड़ की, विरोध पर पिटाई कर जेवर आदि लूटकर भाग गया। मोहन स्वरूप ट्विटर हैंडल से उनका प्रार्थना पत्र एसएसपी को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की गई। इसे डीजीपी, यूपी पुलिस और एडीजी को भी टैग किया गया।
ट्विटर को चलता फिरता कार्यालय ना बनाएं… किसी भी कार्य दिवस में थाना /क्षेत्र अधिकारी/ अपर पुलिस अधीक्षक अथवा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर प्रार्थना पत्र दें| https://t.co/v5C78ofk48
— SSP Bareilly (@ssp_bareilly) July 8, 2022
इस पर एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने री-ट्वीट किया- ट्विटर को चलता फिरता कार्यालय न बनाएं। किसी भी कार्य दिवस में थाना, क्षेत्राधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक या मेरे कार्यालय में आकर शिकायत दर्ज कराएं। इस संबंध में एसएसपी ने बताया कि मेरा तात्पर्य है कि थानों में व्यवस्था बने, सबसे पहले वहां सुनवाई हो। पुलिस कार्यालयों में अधिकारी निर्धारित समय पर बैठते हैं, उनसे शिकायत करें। थानों के स्थान पर सिर्फ इंटरनेट मीडिया पर शिकायत होगी तो प्राथमिक व्यवस्था चरमरा जाएगी। यदि ऑनलाइन ही शिकायत करनी है तो पोर्टल की सहायता ले सकते हैं।
लोगों ने उठाए सवाल
एसएसपी के इस ट्वीट के बाद लोगों ने उन पर सवाल उठाना शुरू कर दिए। आप भी देखें कुछ ट्वीट –
किसी अधिकारी का कोई फिक्स टाइम नहीं कब मिलेंगे केवल टालमटोल किया जाता है हर मामले मे
— MAHENDRA VISHWAKARMA (@MAHENDR34526620) July 10, 2022
एक ज़िम्मेदार पुलिस ऑफिसर का इस तरह का कमेंट यह साफ तौर पर दर्शाता है की उन पर उनकी ड्यूटी का कितना प्रेशर है बिल्कुल सही कहा आप ने ट्विटर कोई चलता फिरता आफिस नही है लेकिन ट्विटर एक ऐसा माध्यम है जहाँ फरियादी अपनी फरियाद डिजिटल माध्यम से इजी वे में कर सकता
— Gulfam Khan ( Lavi ) (@GulfamLavi) July 9, 2022
कप्तान साहब आपका ट्वीट खुद पुलिस महकमे की कहानी कह रहा हैकि आज भी पुलिस जैसे कार्यकरती है वो लोगों को ट्वीट करने पर विवश करती हैं.सोशल मीडिया पर मामला आते ही अधिकारी नींद से जाग जाते हैं वर्ना पीड़ित तो रिरियाता ही रहता है उसकी पीड़ा सुनने केबजाय अफसर अपने आनंद में मशगूल रहते हैं
— Mukesh Sharma (@MukeshS77161698) July 9, 2022
सरकार तो डिजिटल कार्यों को बढ़ावा दे रही है आप कह रहे हैं कोई भी अपना शिकायत स्थानीय थाने पर कर सकता है अगर प्रार्थना पत्र देने पर समस्या का निस्तारण हो जाता तो ट्विटर पर लोग जाते ही क्यों @AmitShah @narendramodi @myogiadityanath https://t.co/tSiuyF00E1
— Vijay Kumar पत्रकार (@Vijayku11632642) July 9, 2022
श्रीमान, किसी को शौक नहीं है कि वो सोशल मीडिया पर आकर अपना दुख सुनाए । वो एक उम्मीद के साथ ट्वीट करता है कि कोई उसको सुन सके ।
परन्तु हमारे लोकतंत्र में नौकरशाही, हमेशा से जबाबदेही से बचना चाहती है जिससे वो विरोध का दमन कर सके ।@UPGovt @myogiadityanath https://t.co/jr4h4YypMd— माणिक आर्य ( मनु ) (@Aryaonline007) July 9, 2022
जब देश डिजिटल की तरफ बढ़ रहा हैं तो थोड़ा आप लोग भी बदलिए, अगर शिकायत पत्र मेल, ट्विटर या व्हाट्सएप के माध्यम से मिल सकता है तो समस्या क्या है, जितना समय कोई व्यक्ति थाने के चक्कर लगाए उतना वो अपने कार्य में लगाए तो देश की तरक्की में योगदान करेगा https://t.co/kSegmdqbsk
— m⊕hαmmαd ƒïr⊕z (@JavidJa43551565) July 9, 2022
भाषा शैली को थोड़ा सुधारने की आवश्यकता है अन्यथा बन्द कर दीजिए ट्वीटर एकाउंट,झल्लाने चिल्लाने और किसी और का फ्रस्ट्रेशन आम आदमी पर काहे निकाल रहे हो https://t.co/3SCtNnZIpk
— Manoj Tiwari (@ManojTi83967086) July 9, 2022
श्री मान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, बरेली
अपने अधीनस्थ अधिकारियों से पुछिये कि लोग सोशल मीडिया पर क्यों लिख रहे है, जब थाने में कोई नही सुनता तब लोग सोशल मीडिया के माध्यम से पब्लिक डोमेन में अपनी बात को रखता है। बिना वर्दी अन्य थाने में कोई रिपोर्ट पर कार्यवाही कराए, आपको समझ आएगा https://t.co/xH6cYQ5sKW
— Lalit Varshney (@VarshneyLalit) July 9, 2022
ज़बाब से असहमत हूं जब कहीं सुनवाई नहीं होती है तभी पीड़िता अपनी गुहार मीडिया या सोशल मीडिया पर लगाता है@PMOIndia प्रधानमंत्री जी डिजिटल इंडिया को बरेली एसएसपी महोदय जी ने नकार दिया https://t.co/dgi1tlWkP5
— DARA SINGH YADAV (@darasinghyada14) July 9, 2022
ट्विटर अकॉउंट बन्द कर दीजिये सर
न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी https://t.co/ga4L3pzXhM
— अनुज प्रताप सिंह (@Draps78) July 9, 2022
एसएसपी साहब यह भी एक प्लेटफार्म है अपनी शिकायत दर्ज कराने का जब कहीं पर नहीं सुनी जाती तभी इंसान दुखी होकर अपनी शिकायत मीडिया प्लेटफॉर्म पर दर्ज करता है https://t.co/dLTuOO4Epz
— @roflbauaa (@sabchangasibro) July 9, 2022
ये बात आप प्रधानमंत्री जी को समझा देते ,वो डिजिटल इंडिया की बातें बहुत करते हैं!
और थाने में FIR कैसे दर्ज होता है ये सबको पता है https://t.co/eKp4PAgiha
— Rajeev Rai (@RajeevRai) July 9, 2022
😂😂 इस मज़ाक से पहले ये ही याद कर लीजिये महोदय की आपने आखरी बार जनता का चेहरा भी कब देखा था…. Social Media पर कम से कम जवाब देना तो ज़िम्मेदारों की मजबूरी होती है वरना किसी SHO के पास आम नागरिक बनके जाकर देखिये ऐसी-ऐसी गालियाँ सुनने मिलेगी जो कभी न सुनी हो ना जानी हो… https://t.co/w0nTUY1nrP
— Nikhil Lahri (@NikhilLahri) July 9, 2022