केंद्र सरकार ने अश्लीलता के समर्थन मामले पर कोर्ट को बताया- Netflix और Amazon को हमारे लाइसेंस की जरूरत नहीं

बॉलीवुड: केंद्र सरकार ने कहा है, कि Netflix और Amazone जैसे डिजिटल प्लैटफॉर्म्स को सरकारी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है. साथ ही कहा है कि ऑनलाइन एंटरटेनमेंट प्लैटफॉर्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तरफ से किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होती और इन्हें मंत्रालय द्वारा रेगुलेट नहीं किया जा सकता. केंद्र सरकार ने ये बातें दिल्ली कोर्ट से कही है. दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि नेटफ्लिक्स और एमेजॉन जैसे डिजिटल प्लैटफॉर्म अश्लीलता को बढ़ावा देते हैं और इनके कंटेंट काफी हिंसक और अश्लील होते हैं. मालूम हो कि नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम वीडियो के भारत में लाखों यूजर हैं और वे बड़ी बेसब्री से हॉलीवुड सीरीज की प्रतिक्षा करते रहते हैं. नेटफ्लिक्स पर इंडियन वेब सीरीज भी काफी सारे आ गए हैं.


जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन की तरफ से हरप्रीत सिंह वोरा नामक वकील ने यह याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया कि इस मामले में पहले भी लोग याचिका दायर कर चुके हैं, लेकिन इस मामले में कुछ ठोस हुआ नहीं है. दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी कामेश्वर की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की.


हाई कोर्ट की बेंच ने इस मामले में दायर एक और याचिका खारिज कर दी, जिसमें कहा गया था नेटफ्लिक्स, एमेजॉन प्राइम और ऐसे और डिजिटल प्लैटफॉर्म पर मौजूद एडल्ट कंटेंट हटाए जाएं.


जस्टिस फॉर राइट्स फाउंडेशन के तरफ से मौजूद वकील ने कहा कि इन डिजिटल प्लैटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट का उल्लंघन करते हैं. इसी के बाद मामले में सरकार का भी यह बयान सामने आया.


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