उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने अगले पांच सालों में दलहन के उत्पादन (Pulses Production) में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का टारगेट सेट किया है। दलहन का उत्पादन प्रदेश की मांग के बराबर हो, इसके लिए एक्सपर्ट्स की मदद से रबी की मौजूदा फसली सीजन से आने वाली फसली सीजनों में उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। इसकी शुरुआत भी रबी के मौजूदा फसली सीजन से हो गई है।
किसानों में मुफ्त बीज बांट रही योगी सरकार
जानकारी के अनुसार, योगी सरकार किसानों में 33 करोड़ रुपये के मुफ्त बीज बांट रही है। मिनी किट के रूप में ये बीज किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसमें चना (प्रति किट 16 किग्रा) एवं मसूर (प्रति किट 8 किग्रा) के 2.5 लाख मिनीकिट शामिल हैं।
इस तरह किसानों को कुल 12 हजार कुंतल मसूर एवं 16 हजार कुंतल चने की उन्नत प्रजातियों के बीज मुफ्त मिलेंगे। इसके अलावा प्रदेश के कृषि जलवायु क्षेत्र (एग्रो क्लाइमेट जोन) की उपयोगिता के अनुसार 28 हजार कुंतल दलहनी के अन्य फसलों के बीज भी किसानों को मुफ्त दिए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश दलहन का उत्पादन मांग के सापेक्ष 40-45 फीसद ही है। प्रदेश सरकार अगले पांच सालों में इसे बढ़ाकर मांग के अनुरूप करना चाहती है। मौसम से प्रभावित किसानों को राहत मिलेगी साथ ही दलहन का उत्पादन भी बढ़ेगा। सरकार के इस निर्णय से दो लाभ होंगे। अगस्त के सूखे एवं अक्टूबर की अप्रत्याशित बाढ़ से प्रभावित किसानों को बीज के रूप में उन्नत प्रजाति का कृषि निवेश मिलने से राहत मिलेगी।
Also Read: गोरखपुर: CM योगी ने जनता दरबार में सुनी फरियाद, कहा- जनता की सेवा में समर्पित है सरकार
साथ ही सत्कार की मंशा के अनुरूप दलहन का उत्पादन एवं रकबा भी बढ़ेगा। यही वजह है कि इस योजना में सरकार ने प्रदेश की उस दो लाख हेक्टेयर भूमि को प्राथमिकता में रखा गया है जिसमें सूखे की वजह से किसान खरीफ की बोआई नहीं कर सके थे। साथ ही उन किसानों को भी प्राथमिकता दी जाएगी जो सूखे एवं बाढ़ से अधिक प्रभावित रहे।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )