Sawan 2023, Hariyali Amavasya 2023: सावन महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहा जाता है. सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. ऐसे में श्रावण माह की अमावस्या को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवती अमावस्या के दिन श्राद्ध कर्म, तर्पण इत्यादि करने से व्यक्ति को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस सबंध में जानकारी देते हुए आचार्य इंद्र दास ने बताया कि इस दिन सावन का दूसरा सोमवार व्रत भी रखा जाएगा. ऐसे में इस विशेष दिन पर भगवान शिव की उपासना करने से भी साधक को विशेष लाभ मिलेगा लेकिन लेकिन इस दिन कुछ काम भूल से भी नहीं करें वरना पितर नाराज हो जाएंगे.
अमवास्या तिथि सूर्य और चंद्र के मिलन का काल है. चूंकी चंद्रमा मन का कारक है और अमावस्या पर चांद पूरी तरह गायब रहता है, इसलिए सोमवती अमावस्या पर कमजोर दिल वाले और अति भावुक वाले व्यक्ति को किसी सूनसान जगह पर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि नकारात्मक शक्ति उन्हें अपने प्रभाव में ले लेती है.
हरियाली अमावस्या पर भूलकर भी किसी पेड़-पौधे को नुकसान न पहुंचाएं. इससे पितर दोष लगता है और जीवन में धन, अन्न, सुख की कमी होने लगती है.
सोमवती अमावस्या पर बाल और नाखून न काटें, साथ ही इस दिन स्त्रियों को बाल नहीं धोना चाहिए. मान्यता है इससे घर में दरिद्रता का वास होता है, क्लेश बढ़ने लगते हैं.
अमावस्या के दिन श्रृंगार संबंधी सामग्री नहीं खरीदना चाहिए. ये दिन पितरों को याद करने का है. ऐसे में सोमवती अमावस्या पर शिव पूजा के साथ पूर्वजों की शांति के लिए श्राद्ध कर्म करें.
सोमवती अमावस्या पर किसी प्रकार का नशा न करें, तामसिक भोजन का त्याग करना चाहिए. ऐसा करने पर भविष्य में दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. साथ ही किसी को दूध, दही का दान न दें.
Also Read: Sawan 2023: सावन में राशि के अनुसार करें भगवान शिव की पूजा, प्रसन्न होंगे भोलेनाथ
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )