लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बुधवार को भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2407.20 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का उल्लेख किया और विभागीय अधिकारियों से इसे और बढ़ाने के लिए तेजी से प्रयास करने की अपेक्षा जताई।
सीएम ने राजस्व प्राप्ति में वृद्धि की संभावनाओं पर भी चर्चा की और विशेष रूप से सोनभद्र, बांदा, कौशांबी, और महोबा जैसे जिलों में खनन के क्षेत्र में वृद्धि की उम्मीद जताई। उन्होंने कम राजस्व प्राप्त करने वाले जनपदों की समीक्षा की और इन क्षेत्रों में भी राजस्व बढ़ाने के उपायों की योजना बनाने के निर्देश दिए।
योगी ने स्पष्ट किया कि नदी के कैचमेंट एरिया में अवैध खनन की गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने तकनीकी उपायों का उपयोग कर अवैध खनन पर कड़ी रोक लगाने का आदेश दिया। इसके अलावा, स्वीकृत खनन क्षेत्रों के भीतर खनन करने वाले वाहनों पर व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (VTS) लगाने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खनन केवल स्वीकृत क्षेत्रों में हो रहा है।
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मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अन्य राज्यों से उपखनिज परिवहन करने वाले वाहनों की वैधता जांचने के लिए उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से एपीआई इंटीग्रेशन किया गया है। उन्होंने जनपदों में अवैध खनन को रोकने के लिए टास्क फोर्स द्वारा नियमित छापेमारी करने का आदेश दिया, साथ ही छापेमारी के दौरान वीडियोग्राफी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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राजस्व व कार्यों की निगरानी के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पेंडिंग मामलों का समय पर निस्तारण किया जाए और जून से अगस्त तक वर्षभर की कार्ययोजना तैयार की जाए।
सीएम योगी ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि वे मार्ग दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ओवरलोड वाहनों की रोकथाम पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने ओवरलोडिंग रोकने के लिए जनपदों में 55 चेक गेट्स स्थापित करने और इन गेट्स पर ‘इन मोशन’ संयंत्र लगाने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के किनारे मिट्टी, बालू और सिल्ट का इस्तेमाल ईंट बनाने में किया जाए, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके और उपजाऊ जमीन की मिट्टी का प्रयोग ईंट भट्ठों में न हो।
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