अयोध्या (Ayodhya) में राम जन्मभूमि (Ram Janmabhoomi) परिसर में भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। राम मंदिर ट्रस्ट की हालिया बैठक में प्रस्तुत वित्तीय विवरण के अनुसार, अब तक मंदिर निर्माण और अन्य परियोजनाओं पर कुल 1621 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। केवल 2024-25 के वित्तीय सत्र में ही मंदिर व अन्य निर्माण कार्यों पर 652 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च हुई है। मंदिर निर्माण की शुरुआत 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के साथ हुई थी। बीते साढ़े चार वर्षों में मंदिर निर्माण पर लगभग 1200 करोड़ रुपये और अन्य विकास कार्यों पर 400 करोड़ रुपये से अधिक का व्यय हुआ है।
80% मंदिर कार्य पूरा
राम जन्मभूमि परिसर में मुख्य राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। तीर्थयात्रियों के लिए सुविधा केंद्र, सप्त मंडपम और पुष्करणी का कार्य भी पूर्ण हो चुका है और अब इनमें अंतिम चरण की फिनिशिंग चल रही है। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा बनाया जा रहा है, जिसमें लगभग 80% कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा, शेषावतार मंदिर का भी निर्माण कार्य जारी है और इसका 20% हिस्सा शेष है। निर्माणाधीन संरचनाओं को अप्रैल 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य प्रगति पर
परिसर में दक्षिण दिशा की ओर प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसके पश्चात गेट नंबर तीन पर एक और द्वार बनेगा। इसी दिशा में संग्रहालय, विश्रामालय और राम मंदिर ट्रस्ट का कार्यालय भवन भी निर्मित किया जाना है। इसके साथ ही सरयू तट स्थित रामकथा संग्रहालय के सुंदरीकरण का कार्य भी निरंतर जारी है। ट्रस्ट का अनुमान है कि इन सभी कार्यों के पूरा होने तक कुल लागत दो हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है।
तीन महीने में ट्रस्ट ने खरीदी 10,433 वर्ग फीट जमीन
राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मार्च से मई 2025 के बीच कुल 10,433 वर्ग फीट जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसमें बाग बिजेसी क्षेत्र में 3060 वर्ग फीट जमीन 47.20 लाख रुपये में और 6691 वर्ग फीट जमीन 98.20 लाख रुपये में खरीदी गई है। इसके अतिरिक्त, कोट रामचंद्र में 687.4 वर्ग फीट भूमि को 10 लाख रुपये में खरीदा गया है। यह जमीन मंदिर परिसर और आसपास के विकास कार्यों को ध्यान में रखते हुए अधिग्रहित की गई है।