उत्तराखंड: देवभूमि में रिवर्स पलायन की मिसाल, पूर्व IG और कर्नल बने ग्राम प्रधान, सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

उत्तराखंड (Uttarakhand) में ग्राम पंचायत चुनावों के दौरान एक अनोखा और प्रेरणादायक दृश्य सामने आया है। राज्य की सीमांत बस्तियों से रिवर्स पलायन का संदेश सुनाई दे रहा है। हाल ही में उत्तराखंड पुलिस से रिटायर हुईं पूर्व आईजी बिमला गुंज्याल (Former IG Bimla Gunjyal) और सेना से सेवानिवृत्त कर्नल यशपाल सिंह नेगी (Ret. Army Colonel Yashpal Singh Negi) ने अपने-अपने पैतृक गांवों में ग्राम प्रधान चुने गए है। 

सेवानिवृत्त अधिकारी लौटे गांव की सेवा में

बिमला गुंज्याल, जो कभी राज्य पुलिस की एक सशक्त महिला अधिकारी थीं, अब उत्तराखंड के सीमांत गांव गुंजी की कमान संभालने जा रही हैं। वहीं कर्नल यशपाल सिंह नेगी भी अपनी जड़ों की ओर लौटे हैं और अपने पैतृक गांव वीरों खाल (बिरगण) के विकास की जिम्मेदारी संभालेंगे। यह रुझान उस धारणा को तोड़ता है कि जैसे ही लोग जीवन में सक्षम होते हैं, वे गांव छोड़ शहरों की ओर रुख करते हैं।

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विकास की नई दिशा में सीमांत गांव

गुंजी गांव, जो वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है, रणनीतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अहम है। यह आदि कैलाश और कैलाश मानसरोवर यात्रा का प्रमुख पड़ाव रहा है। भारत-तिब्बत व्यापार के दौर में यह एक समृद्ध मंडी हुआ करती थी। सड़क पहुंचने के बाद यहां का जीवन तेजी से बदला है और अब बिमला गुंज्याल के नेतृत्व में इसके विकास को और गति मिलने की उम्मीद है।

मुख्यमंत्री ने दी सकारात्मक प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटनाक्रम को प्रदेश के लिए एक शुभ संकेत बताया है। उन्होंने कहा कि जब सक्षम और अनुभवी लोग सेवानिवृत्ति के बाद गांव लौटकर विकास की बागडोर संभालते हैं, तो यह राज्य के लिए लाभकारी सिद्ध होता है। उन्होंने आशा जताई कि यह सिलसिला आगे चलकर एक परंपरा बनेगा और पहाड़ी क्षेत्रों के विकास में नया आयाम जोड़ेगा।

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रिवर्स पलायन बना बदलाव का वाहक

यह घटनाक्रम न केवल सामाजिक जागरूकता का प्रतीक है बल्कि उत्तराखंड के दूरस्थ और सीमांत इलाकों में विकास की एक नई लहर का संकेत भी है। जब अनुभवी और शिक्षित लोग अपनी जड़ों की ओर लौटते हैं, तो वे न केवल संसाधनों का बेहतर उपयोग करते हैं, बल्कि अगली पीढ़ी को भी प्रेरणा देते हैं। रिवर्स पलायन अब केवल एक शब्द नहीं, बल्कि गांवों के पुनर्जीवन की दिशा में एक बड़ा कदम बनता जा रहा है।

सीएम धामी ने दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने दोनों सेवानिवृत्त अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये अधिकारी रिवर्स पलायन के हमारे ब्रांड एंबेसेडर के रूप में एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद ग्राम प्रधान के रूप में चुना जाना इस बात का प्रमाण है कि व्यक्ति अपने अनुभव और सेवा भावना के माध्यम से गांव की प्रगति में अहम योगदान दे सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों अधिकारियों के पंचायत प्रतिनिधि बनने से पंचायती राज व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और उनके अनुभव से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि गुंजी और बिरगण ग्राम पंचायतें मॉडल ग्राम के रूप में विकसित होंगी। सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे सभी प्रयासों को पूर्ण सहयोग दिया जाएगा। राज्य सरकार ग्रामीण आजीविका, कृषि, बागवानी और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है, ताकि गांव आत्मनिर्भर बनें और रिवर्स पलायन की यह सकारात्मक परंपरा और अधिक सशक्त हो।

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