बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पत्रकारों के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने शनिवार को अपने आधिकारिक X हैंडल के माध्यम से बताया कि ‘बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना’ के तहत अब पात्र पत्रकारों को हर महीने 6,000 रुपये की जगह 15,000 रुपये पेंशन दी जाएगी।
लोकतंत्र में पत्रकारों की अहम भूमिका
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी पेंशनधारी पत्रकार की मृत्यु हो जाती है, तो उनके आश्रित पति या पत्नी को 3,000 रुपये के बजाय 10,000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन दी जाएगी। नीतीश कुमार ने पत्रकारों की भूमिका को लेकर कहा, ‘लोकतंत्र में पत्रकारों की अहम भूमिका होती है। वे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ हैं और सामाजिक विकास में उनका योगदान महत्वपूर्ण है। पत्रकारों की सुविधाओं का हम शुरू से ख्याल रखते आए हैं ताकि वे निष्पक्षता से पत्रकारिता कर सकें और सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।’
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चुनाव से पहले ताबड़तोड़ घोषणाएं
नीतीश कुमार लगातार कई अहम घोषणाएं कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने ऐलान किया था कि 1 अगस्त से बिहार के सभी उपभोक्ताओं को हर महीने 125 यूनिट बिजली मुफ्त दी जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है:
कुटीर ज्योति योजना के तहत लोगों की सहमति से उनके घर की छत या नजदीकी स्थान पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। बिहार कौशल विश्वविद्यालय की स्थापना कर्पूरी ठाकुर के नाम पर की जाएगी। युवाओं को मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना के तहत कौशल विकास के लिए 4,000 से 6,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
बिहार युवा आयोग का गठन किया जाएगा। सरकारी और संविदा नियुक्तियों में बिहार की मूल निवासी महिलाओं को 35% क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा। कलाकारों को हर महीने 3,000 रुपये पेंशन मिलेगी। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत वृद्ध, विधवा और दिव्यांगों की पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये किया गया है।
चुनावी सरगर्मियों के बीच सियासी मुकाबला तेज
बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव की घोषणा की जा सकती है। महागठबंधन और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, भाकपा, माकपा और भाकपा (माले) शामिल हैं, जबकि एनडीए गठबंधन में बीजेपी, जेडीयू, लोजपा (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।
वोटर लिस्ट के SIR को लेकर भी राजनीतिक दलों में हंगामा जारी है। चुनावी माहौल में नीतीश कुमार की इन घोषणाओं को मतदाताओं को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
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