Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दिए गए अपने भाषण के बाद विपक्षी कांग्रेस पार्टी पर कड़ा हमला किया। कांग्रेस पार्टी, विशेष रूप से पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, को नसीहत देते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया और संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के प्रति अपनी आलोचनाओं को गलत तरीके से प्रस्तुत किया।
कांग्रेस पर साधा निशाना
अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा बाबा साहेब आंबेडकर और वीर सावरकर का अपमान किया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने ना केवल आंबेडकर जी का विरोध किया, बल्कि शहीदों, न्यायपालिका और सेना का भी अपमान किया।” शाह ने आरोप लगाया कि जब बाबा साहेब का संविधान सभा में योगदान था, तो कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने की कोशिश की। इसके अलावा, शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बाबासाहेब को भारत रत्न से वंचित रखा, और केवल 1990 में भाजपा की गठबंधन सरकार के तहत उन्हें यह सम्मान दिया गया।
कांग्रेस द्वारा तथ्यों को विकृत करने का आरोप
अमित शाह ने कांग्रेस पर तथ्यों को विकृत कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा संविधान और आंबेडकर के सिद्धांतों का समर्थन करती रही है, जबकि कांग्रेस ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। शाह ने यह भी कहा कि राजीव गांधी ने ओबीसी आरक्षण का विरोध करते हुए लंबे भाषण दिए थे।
गांधी परिवार और आंबेडकर के संबंध पर टिप्पणी
अमित शाह ने गांधी परिवार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि नेहरू ने आंबेडकर के स्मारकों का विरोध किया। उन्होंने दावा किया कि जब तक कांग्रेस सत्ता में रही, बाबा साहेब के स्मारक नहीं बने, लेकिन भाजपा सरकार ने आंबेडकर से संबंधित स्थानों का विकास किया और उनके सम्मान में कई पहल कीं, जैसे संविधान दिवस की घोषणा और महापरिनिर्वाण स्थल पर स्मारक का उद्घाटन।
मल्लिकार्जुन खरगे को दी नसीहत
अमित शाह ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें राहुल गांधी के दबाव में आकर कांग्रेस के “कुत्सित प्रयास” का हिस्सा नहीं बनना चाहिए था। शाह ने कहा कि भाजपा हमेशा संविधान और आंबेडकर के प्रति सम्मान दिखाती है और कभी भी उनका अपमान नहीं कर सकती।
आंबेडकर के सिद्धांतों का प्रचार
अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा ने हमेशा आंबेडकर के सिद्धांतों का प्रचार किया है और आरक्षण को मजबूत किया है। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को आंबेडकर के योगदान का सही तरीके से सम्मान करने की सलाह दी, और कहा कि उनकी पूरी बात राज्यसभा के रिकॉर्ड में मौजूद है। इस बयान के बाद विपक्ष, खासकर कांग्रेस, ने शाह से आंबेडकर के संदर्भ में की गई टिप्पणी के लिए माफी की मांग की है।
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