आज भारत समेत दुनियाभर में पांचवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जा रहा है. देश में मुख्य आयोजन झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची (Ranchi) में हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भाग लिया. योग दिवस के अवसर पर बीजीपी नेता और सुर्पीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिक्वता अश्विनी उपाध्याय (Ashwini Upadhyay) ने ‘राष्ट्रीय योग नीति’ (national yoga policy) बनाने और स्कूलों में योग को अनिवार्य करने की मांग केंद्र सरकार से की है.
अश्विनी उपाध्याय ने शुक्रवार को ट्वीट कर लिखा. “मैं आदरणीय रमेश पोखरियाल निशंक जी से छात्रों के लिए योग को अनिवार्य करने का निवेदन करता हूँ, और मेरी गुजारिश है कि ‘राष्ट्रीय योग नीति’ भी गठन किया जाए”
बता दें कि राष्ट्रीय योग नीति के गठन के लिए अश्विनी उपाध्याय साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुके हैं. जस्टिस एमबी लोकुर की अगुवाई वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय योग नीति (national yoga policy) के गठन और योग की अनिवार्य शिक्षा पर 3 महीने के भीतर निर्णय लेने का केंद्र सरकार को निर्देश दिया था.
उपाध्याय की याचिका में मानव संसाधन और विकास मंत्रालय एनसीआरटी, एनसीटीई और सीबीएसई के लिए निर्देश है कि योग और स्वास्थ्य शिक्षा पर आधारित पाठ्य पुस्तकें कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के बच्चों के लिए जारी करें.
याचिका में उपाध्याय ने कहा, “स्वस्थ्य रहने का अधिकार जीवन का अभिन्न अंग है, जिसे संविधान के आर्टिकल 21 में रखा गया है. इसमें स्वास्थ्य की सुरक्षा शामिल है और यह एक न्यूनतम आवश्यकता है जो किसी व्यक्ति को गरिमा के साथ जीने को सक्षम बनाता है. उपाध्याय ने कहा, “राज्य का दायित्व है कि वह सभी नागरिकों को, विशेषकर बच्चों और किशोरों को स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करे. एक कल्याणकारी राज्य में यह राज्य का दायित्व है कि वह अच्छे स्वास्थ्य के लिए अनुकूल परिस्थितियों के निर्माण और जीविका को सुनिश्चित करे”
उपाध्याय की याचिका में कहा है कि सभी बच्चों को ‘योग और स्वास्थ्य शिक्षा’ प्रदान किए बिना या इसके प्रचार और प्रसार के लिए ‘राष्ट्रीय योग नीति’ तैयार किए बिना स्वास्थ्य के अधिकार को सुरक्षित नहीं किया जा सकता है.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )