समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) को इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से आखिरी मामले में भी जमानत मिल गयी है. जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. 5 मई को उन्होंने यह फैसला सुरक्षित किया था. कोर्ट ने 1 लाख रुपये के मुचलके व दो प्रतिभूति पर जमानत दे दी है. कोर्ट ने आजम खान से शत्रु संपत्ति को पैरा मिलिट्री फोर्स को सौंपने का आदेश दिया है. हालांकि हाल ही में एक अन्य मामले में एफआईआर दर्ज होने के कारण अभी आजम खान को सीतापुर जेल से रिहाई नहीं मिल पायेगी. बता दें कि बीते दो साल से सपा नेता सीतापुर जेल में बंद हैं.
आजम खान की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्ला खान, मोहम्मद खालिद और विनीत विक्रम सिंह ने पक्ष रखा है. सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एडिशनल एडवोकेट जनरल एम सी चतुर्वेदी और वक्फ बोर्ड की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता एस एफ ए नकवी ने पक्ष रखा है. कोर्ट ने 5 मई को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में करीब 45 पन्ने के फैसले में आजम खान को जमानत दे दी है. इस मुकदमे में आजम खान को जमानत मिलने के बाद एक बड़ी राहत मानी जा रही है. हालांकि अभी उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा.
बता दें, जमानत को लेकर 4 दिसंबर 2021 को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था. जजमेंट रिजर्व होने के 5 महीने बाद हाईकोर्ट में फिर से जमानत को लेकर सुनवाई हुई. दरअसल, यूपी सरकार ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा कि आजम खान की जमानत पर उसे कुछ नए तथ्य पेश करने हैं. जिसको हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया था. यूपी सरकार का पक्ष जानने के लिए आजम की जमानत अर्जी पर कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई. 4 और 5 मई को दो दिन लगातार पूरे मामले में बहस हुई. जिसमें सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता फरमान नक़वी, एमसी चतुर्वेदी और आजम खान की तरफ से इमरान उल्लाह खान, मोहम्मद खालिद और विनीत विक्रम ने पक्ष रखा.
अभी जेल में ही रहना पड़ेगा
इस मुकदमे में जमानत मिलने के बावजूद भी आजम खान फिलहाल जेल के अंदर ही रहेंगे. क्योंकि हाल ही में रामपुर में फर्जी दस्तावेजों को आधार बनाकर स्कूल की मान्यता लेने का आजम खान पर आरोप है. इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद आजम खान को वारंट बी भी सीतापुर जेल में तामील कराया जा चुका है. जिसके चलते आजम खान अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे.
कभी कहे जाते थे मिनी सीएम
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और मुलायम परिवार के करीबी आजम खान रामपुर शहर विधानसभा सीट से 9 बार चुनाव जीत चुके हैं. कभी मिनी सीएम कहे जाने वाले आजम खान के खिलाफ 102 मुकदमे दर्ज हैं. इनमें से नौ मुकदमे शासन ने वापस ले लिए थे. आजम, उनकी पत्नी विधायक तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ सबसे अधिक मुकदमे 2019 में दर्ज किए गए थे.
कई मामलों में कोर्ट से गैरहाजिर रहने के कारण उनकी कुर्की के आदेश भी तामील हुए थे. इसी के चलते आज़म खां ने 26 फरवरी 2020 को पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था. करीब 10 महीने बाद 34 मामलों में जमानत मिलने के बाद तंजीन फातिमा दिसंबर 2020 में रिहा हो पायी थी.
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की उम्र को लेकर विवाद हो गया था. उनके दो जन्म प्रमाण पत्र जारी कराए गए थे. इनमें से एक रामपुर और एक लखनऊ का था. अब्दुल्ला आजम खान की उम्र के विवाद के कारण हाईकोर्ट ने उनकी विधायकी को रद्द कर दिया था. इससे उनका निर्वाचन शून्य हो गया था. उन पर भी 45 मुकदमें दर्ज किये गये थे. हालांकि वह भी जमानत पर रिहा हो चुके हैं.
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