समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर (Rampur) से सांसद आजम खान (Azam khan) के अवैध कब्जों पर योगी सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है. जानकारी के मुताबिक़ सपा सांसद पर अभी तक 23 मुकदमें दर्ज किये गए हैं.प्रशासन ने आजम खान को भू माफिया (Land Mafia) घोषित कर दिया है. आजम पर जौहर यूनिवर्सिटी के लिए मुस्लिम और दलितों की जमीनें कब्जाने का आरोप है. शासन की इस कार्यवाई के समर्थन में एक 85 वर्षीय विधवा सामने आयीं हैं. उन्होंने आजम पर उनकी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है.
शनिवार को बड़ी संख्या पीड़ित किसानों ने लखनऊ पहुंचकर आजम खान के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरन पीड़ितों ने योगी सरकार से आजम खान की गिरफ़्तारी की मांग की. उन्होंने “आजम तेरी गुंडागर्दी नहीं नहीं चलेगी, भू माफिया हाय हाय” के नारे भी लगाए. इन पीड़ितों में एक 85 साल की विधवा शहजादी बेगम भी दिखी जिनकी जमीन आजम खान ने अवैध रूप से कब्ज़ा कर रखी है.
बीजेपी प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने इसे लेकर आजम खान पर निशाना साधा है. उन्होंने शहज़ादी बेगम का वीडियो ट्वीट कर लिखा, “85 साल की बेवा शहज़ादी बेगम आज़म खान के खिलाफ और @myogiadityanath जी के समर्थन में जब सड़क पर उतरीं तो पूरा रामपुर उनके साथ आ खड़ा हुआ, वही रामपुर जहाँ आज़म खान ने सत्ता का नंगा नाच किया है, शहज़ादी बेगम इसकी सबूत हैं, जिनकी ज़मीन क़ब्ज़ा कर ली गई, आज वो दाने दाने की मोहताज हैं”.
आजम खान पा नेता के पैतृक शहर रामपुर का जिला प्रशासन अब राज्य सरकार के ‘एंटी-भू माफिया’ पोर्टल पर आजम खान (Azam Khan) को भूमि माफिया के रूप में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रहा था. अब उन्हें प्रशासन द्वारा भूमाफिया घोषित भी कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में 2017 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफिया की पहचान करने और जमीन कब्जाने से संबंधित लोगों की शिकायत दर्ज कराने के लिए इस पोर्टल की शुरुआत की थी. इससे पहले सपा नेता के पैतृक शहर रामपुर का जिला प्रशासन अब राज्य सरकार के ‘एंटी-भू माफिया’ पोर्टल पर आजम खान (Azam Khan) को भूमि माफिया के रूप में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रहा था. उत्तर प्रदेश में 2017 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफिया की पहचान करने और जमीन कब्जाने से संबंधित लोगों की शिकायत दर्ज कराने के लिए इस पोर्टल की शुरुआत की थी.
पुलिस के अनुसार, नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्य आजम खान पर 30 से भी ज्यादातर मामले दर्ज हैं. जिनमें सबसे ज्यादा मामले सरकारी जमीन और गरीबों की जमीन हथियाने के हैं. रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया कि जमीन हथियाने के कई मामलों को ध्यान में रखते हुए आजम खान का नाम एंटी-भू माफिया पोर्टल में सूचीबद्ध करने पर विचार किया गया है.
उत्तर प्रदेश के आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा ने आईएएनएस से कहा, ‘जिलाधिकारी और मैं जिले के विभिन्न थानों में आजम खान और उनके सहयोगियों द्वारा जमीन हथियाने को लेकर दर्ज रिपोर्ट (एफआईआर/मामले) पर समीक्षा करेंगे. उसके बाद ही उनके नाम को सरकारी भू माफिया पोर्टल पर सूचीबद्ध करने की सिफारिश की जाएगी.’
इससे पहले शुक्रवार को रामपुर के अजीम नगर पुलिस थाने में राजस्व विभाग द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर आजम खान के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. एफआईआर में खुलासा किया गया है कि आजम खान और उनके करीबी सहयोगी अलेहसन खान नामक एक पूर्व पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर 26 किसानों से जमीन हड़प ली और इस जमीन का उपयोग सपा नेता ने अपनी करोड़ों की मेगा परियोजना- मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में किया. राजस्व विभाग की प्राथमिकी के बाद रामपुर के 26 किसान, जिन्हें कथित रूप से जाली भूमि बिक्री विलेख पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रताड़ित किया गया था, अब अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराएंगे.
राज्य के राजस्व विभाग की शिकायत में यह भी कहा गया है कि गरीब किसानों की जमीन हड़पने में अपने पद (उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री, 2012-2017 के रूप में) का दुरुपयोग करने वाले आजम खान ने 5,000 हेक्टेयर की विशाल भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया था. राजस्व अधिकारी ने कहा, ‘यह भूमि नदी किनारे की है, इसका अधिग्रहण नहीं किया जा सकता है. हालांकि, राजस्व रिकॉर्ड जाली थे और बाद में कई सौ करोड़ की यह जमीन जौहर अली विश्वविद्यालय के रूप में अवैध रूप से हथिया ली गई.’ अधिकारी के अनुसार, नदी के किनारों पर कब्जा करने के लिए व धोखाधड़ी करने के उद्देश्य से बनाए गए जाली दस्तावेज, आजम खान के खिलाफ मजबूत सबूत के तौर पर उपलब्ध हैं. पुलिस सूत्रों ने कहा कि आजम खान या उनके सहयोगियों द्वारा जमीन हड़पने के अन्य मामलों से संबंधित कई शिकायतें रामपुर पुलिस अधीक्षक को मिली हैं.
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