उत्तर प्रदेश में बिजली टैरिफ में बड़ा बदलाव, UPERC ने जारी की नई दरें

उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (UPERC) ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिजली ट्रांसमिशन टैरिफ में बड़ा बदलाव करते हुए नया ढांचा लागू किया है। अब तक जहां प्रति यूनिट ऊर्जा ट्रांसमिट करने पर शुल्क लिया जाता था, वहीं अब इस टैरिफ को क्षमता आधारित कर दिया गया है। यह परिवर्तन यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (UPPTCL) द्वारा दायर याचिका के आधार पर किया गया है।

नए टैरिफ की दरें  

UPERC के नए आदेश के मुताबिक, राज्य के वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) और भारतीय रेल को प्रति मेगावाट 2,13,284.55 रुपए प्रतिमाह की दर से शुल्क देना होगा। वहीं दूसरी ओर, ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए शुल्क 0.2674 रुपए प्रति यूनिट तय किया गया है। इस तरह, अलग-अलग उपयोगकर्ताओं के लिए शुल्क संरचना में पारदर्शिता और स्थिरता लाई गई है।

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मल्टी ईयर टैरिफ विनियम 2025 के तहत नया ढांचा

यह बदलाव UPERC के मल्टी ईयर टैरिफ फॉर ट्रांसमिशन विनियम, 2025 के तहत किया गया है। इसके अंतर्गत अब राज्य के सभी ट्रांसमिशन लाइसेंसधारियों की लागत को जोड़कर सभी वितरण कंपनियों और ट्रांसमिशन सेवा उपयोगकर्ताओं में समान रूप से वितरित किया जाएगा। इससे राज्य के स्वामित्व वाले वितरण लाइसेंसधारियों को अतिरिक्त बोझ से राहत मिलेगी और पूरे राज्य में ओपन एक्सेस के साथ प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा मिलेगा।

आम उपभोक्ताओं को संभावित राहत

इस नए व्यवस्था का सीधा लाभ आम जनता को मिलने की संभावना है, क्योंकि वितरण कंपनियों पर बोझ कम होने से उनकी लागत में कमी आएगी। इससे बिजली दरों में स्थिरता आ सकती है और उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति, 2022 और डाटा सेंटर नीति, 2021 के तहत मिलने वाली छूटें भी यथावत रहेंगी, जिससे निवेश और विकास को भी बल मिलेगा।

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