लखनऊ (Lucknow) में हिन्दू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले (Kamalesh Tiwari Murder Case) में बड़ा खुलासा सामने आ रहा है. गुजरात एटीएस के मुताबिक कमलेश तिवारी की हत्या भले ही लखनऊ में हुई हो लेकिन इसकी साजिश दुबई में रची गई थी. गुजरात एटीएस (Gujarat ATS) ने दावा किया है कि कमलेश तिवारी की हत्या के लिए सूरत से पिस्टल खरीदी गई थी. वहीं साजिश रचने के बाद राशिद पठान दो महीने पहले ही दुबई से भारत कमलेश तिवारी की हत्या के लिए आया.
हत्याकांड को अंजाम देने के लिए दुबई से दो माह पूर्व रशीद पठान भारत आया था. फंडिंग के लिए कोई तैयार नही था. यहाँ एक मौलवी मोहसिन शेख तैयार हुआ. हत्या के लिए राशिद के भाइ मोईनुद्दीन पठान, अशफाक शेख को तैयार किया. मौलवी मोहसिन ने दोनों को रेडिक्लाइज करने के लिए दीनी भाषण दिए.
इससे पहले शनिवार सुबह ही गुजरात के सूरत से पुलिस ने छह लोगों को हिरासत में लिया. हिरासत में लिए गए छह में से एक की भूमिका मर्डर में संदिग्ध भूमिका की बात कही जा रही है. इन सभी को गुजरात एटीएस ने हिरासत में लिया और यह टीम यूपी पुलिस और एसआईटी से लगातार संपर्क में है.
बता दें कि गुजरात एटीएस ने दो साल पहले यानी अक्टूबर 2017 में आईएसआईएस के दो आतंकियों को पकड़ा था. इन दोनों आरोपियों को कमलेश तिवारी का वीडियो दिखाकर उन्हें मारने के लिए कहा गया था. गिरफ्तार आतंकियों से जब पुलिस ने पूछताछ की थी तो उन्होंने कमलेश तिवारी का नाम लिया था.
जांच के लिए SIT का गठन
वहीं शुक्रवार को हुई कमलेश तिवारी की हत्या मामले की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एसआईटी गठित की है. इस टीम में लखनऊ के आईजी एस.के भगत, एसपी क्राइम लखनऊ दिनेश पुरी और स्पेशल टास्क फोर्स के डिप्टी एसपी पी.के मिश्रा होंगे. डीजीपी के मुताबिक तिवारी को पिछले कई महीनों से सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी. वारदात के समय एक सुरक्षाकर्मी उनके आवास के नीचे तैनात था, जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश तिवारी से पूछकर ही उन्हें अंदर जाने दिया. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच तेजी से करते हुए हत्यारों को तुरंत पकड़ा जाएगा.
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