छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम यानि नान घोटाला की जांच के दौरान आरोपियों की फोन टैपिंग करने के मामले में डीजीपी मुकेश गुप्ता और नारायणपुर एसपी रजनेश सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सबूत छिपाने और जांच को प्रभावित करने का आरोप
मिली जानकारी के मुताबिक, इन दोनों अधिकारियों पर नान घोटाले में सबूत छिपाने और जांच को प्रभावित करने के आरोप हैं। नान घोटाले की जांच के दौरान आरोपियों और संबंधित दर्जनों लोगों के फोन टैप करने के मामले में डीजी मुकेश गुप्ता और नारायणपुर एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का यह पहला मामला है।
इन दोनों अधिकारियों पर साजिश, फर्जी दस्तावेज बनाने समेत आधा दर्जन अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया है। एफआईआर होने के कुछ घंटे के भीतर इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब इन दोनों अफसरों के खिलाफ बयान देने वाले डीएसपी आरके दुबे ने हाईकोर्ट में शपथपत्र देकर आरोप लगाया कि एसीबी के आईजी एसआरपी कल्लूरी और एसपी कल्याण ऐलेसेला ने दबाव डालकर झूठा बयान दिलवाया है।
मामले में अभी तक का अपडेट
6 फरवरी- एसीबी में डीएसपी दुबे का बयान: नान की एफआईआर में आरोपी के कॉलम में दर्ज कूट रचना मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह ने धमकी देकर कराई।
7 फरवरी- डीएसपी दुबे ने लीना चंद्राकर की कोर्ट में डाला शपथपत्र, एसीबी ने तत्कालीन एडीजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह पर केस दर्ज किया।
8 फरवरी- डीएसपी दुबे हाईकोर्ट गए, लेकिन हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद उन्हें सुरक्षा देने से मना किया।
9 फरवरी- डीजीपी मुकेश गुप्ता और नारायणपुर के एसपी रजनेश सिंह को राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
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