उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में अपना आठवां बजट (Budget) पेश किया। वहीं, बजट के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने विधान भवन में मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये हमारी सरकार का 8वां बजट है। सभी में हमने अपनी किसी थीम को लेकर राज्य के लोकमंगल के लिए उस बजट को प्रस्तुत किया है। हमारा पहला बजट प्रदेश के किसानों को समर्पित था। वहीं, आज का बजट भगवान राम को समर्पित करते हुए लोकमंगल की भावना समर्पित किया गया है।
‘2023-24 की तुलना में बजट में 6.7% की वृद्धि’
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि आस्था, अंत्योदय और अर्थव्यवस्था को समर्पित हमारा बजट अब तक का यूपी का सबसे बड़ा बजट है। इसने सात लाख की सीमा को पार किया है। 2023-24 की तुलना में बजट में 6.7% की वृद्धि की गई है। यह बजट प्रदेश की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की डबल इंजन सरकार की ‘मातृ शक्ति’ व राज्य में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं पर ध्यान दिया गया है।
यह बजट प्रभु श्री राम को समर्पित है…
जेहि महुँ आदि मध्य अवसाना।
प्रभु प्रतिपाद्य राम भगवाना।। pic.twitter.com/4GCXavOKiy— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 5, 2024
यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्तीय वर्ष 2024-25 का वार्षिक बजट प्रस्तुत किया। सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है। बजट का आकार 7 लाख 36 हजार 437 करोड 71 लाख रुपये (7,36,437.71 करोड़ रुपए) है। बजट में 24 हजार 863 करोड़ 57 लाख रुपए (24,863.57 करोड़ रुपए) की नई योजनाएं भी शामिल की गई हैं। प्रदेश सरकार के बजट में महिला, युवा, किसान और रोजगार सृजन पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है।
सड़क व सेतु निर्माण पर खर्च होंगे 15,281 करोड़
उत्तर प्रदेश में नई सड़कों का जाल बिछाने और सेतुओं के निर्माण पर सरकार नए वित्तीय वर्ष में 15,281 करोड़ रुपये खर्च करेगी। विधान मंडल में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना द्वारा पेश किए गए बजट में इस धनराशि का प्रावधान किया गया है। बजट में लोगों को यातायात जाम से मुक्ति दिलाने के लिए नए फ्लाई ओवरों के निर्माण के लिए 1,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं। सरकार ने प्रदेश की ज्यादातर सड़कों को गड्ढा मुक्त अभियान चलाकर सही कर लिया है। इसके साथ ही नई बनने वाली सभी प्रकार की सड़कों के निर्माण की नई नीति भी लागू कर दी गई है।
ठेकेदार को ही करना होगा रखरखाव
नई नीति के अनुसार, राज्य राजमार्गों, जिला मार्गों व अन्य जिला मार्गों तथा ग्रामीण मार्गों के निर्माण के बाद उनके रखरखाव की भी व्यवस्था की गई है। इसके अनुसार, प्रदेश में बनने वाले वाले सभी मार्गों के निर्माण के बाद पांच वर्षों पर ठेकेदार को ही उनका रखरखाव भी करना होगा। बजट में नए राजमार्गों के चौड़ीकरण व नवीनीकरण के लिए सरकार ने 2,881 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है। वहीं प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में जुटी सरकार ने धर्मार्थ मार्गों के विकास के लिए 1,750 करोड़ रूपये रखे हैं। इससे धार्मिक पर्यटन स्थलों को जाने वाले मार्गों का निर्माण व नवीनीकरण तथा चौड़ीकरण किया जाएगा। इसी प्रकार राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण हेतु 3,000 करोड़ रूपये तथा निर्माण हेतु 2,500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।
फोरलेन बनाए जाएंगे मार्ग
प्रदेश में आ रहे बड़े औद्योगिक निवेश के मद्देनजर सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों व लाजिस्टिक पार्कों को जाने वाले मार्गों को फोर लेन बनाने तथा उनके नवीनीकरण के लिए 800 करोड़ रूपये बजट में रखे हैं। इसी प्रकार, चीनी मिल परिक्षेत्र में कृषि विपणन सुविधाओं हेतु मार्गों का चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण के लिए 500 करोड़ रूपये की व्यवस्था की है। रेलवे उपरिगामी व अधोगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1,350 करोड़ रूपये एवं ग्रामीण सेतुओं के निर्माण के लिए 1,500 करोड़ रूपये बजट में रखे गए हैं।
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