कांग्रेस के मंत्री, विधायकों ने याकूब आंतकी मेमन की सजा माफ कराने के लिए राष्ट्रपति को लिखी थी चिट्ठी, मचा बवाल

महाराष्ट्र के पूर्व कैबिनेट मंत्री नसीम खान, विधायक, अमीन पटेल, विधायक असलम शेख समेत कई कांग्रेसी नेता के आतंकी याकूब मेमन (Yakub Memon) की फांसी की सजा माफ किए जाने और उसे आजीवन कारावास में बदलने की मांग भरा पत्र चुनाव के दौरान सामने आने से महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गयी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने नेताओं को चुनाव में सबक सिखाने का भाषण देकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का सियासी पारा और चढा दिया है. उधर कांग्रेस विधायक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मानहानि का दावा ठोंकने का ऐलान कर राजनीति को गर्मा दिया है.


जी न्यूज की खबर के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान ये पूरा विवाद उठा है कांग्रेसियों की आतंकी याकूब मेमन के हक में लिखी गयी इस चिठ्ठी से. और इसी खत को लेकर मुंबई के एक वकील ने चुनाव आयोग में भी शिकायत दर्ज करा दी है. वकील गौरांग जवेरी ने चुनाव आयोग मे शिकायत दर्ज कराई है. वकील की दलील है कि मुंबई कांग्रेस के इन नेताओं और विधायकों ने भारत सरकार के ‘सत्यमेव जयते’ प्रतीक चिन्ह का दुरुपयोग किया है और महाराष्ट्र विधानसभा के लेटरहेड का मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन जैसे देशद्रोही को बचाने के लिए उपयोग किया.


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने इस मुद्दे को चुनावी रैली मे उठाया था. यू.पी. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुंबई के पश्चिमी उपनगर मला़ड इलाके में बीजेपी के उम्मीदवार के हक में चुनाव प्रचार करते हुये कांग्रेस के विधायकों की आतंकी याकूब मेंमन की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की उसी चिठ्ठी के मामले को उछाल दिया था और कहा था कि ऐसे विधायक को जेल भेज देना चाहिये. महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को मतदान है. और ठीक मतदान से पहले इस चिठ्ठी पर सियासी जंग छिड गयी है. कांग्रेस के विधायकों ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्होंने संविधान के दायरे में ये खत महामहिम राष्ट्रपति को लिखा था.


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