‘रामराज्य’ शब्द सुनते ही अमन, शान्ति अपराधमुक्त राज्य की तस्वीर हमारे मन-मष्तिस्क में उभर कर आती है. रामराज्य की हमारी यह कल्पना साकार होना आज की तारीख में कम ही मालूम पड़ता है. लेकिन ये सम्भव हुआ वो भी उस दिन जो दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से जुड़ा हुआ था. 9 नवम्बर को यूपी में हत्या, लूट, डकैती और रेप समेत कोई भी गम्भीर आपराधिक वारदात नहीं हुई. सूबे के 75 जिलों में गम्भीर अपराध की एक भी घटना नहीं हुई. इतना ही नहीं अयोध्या फैसले (Ayodhya Verdict) के बाद से भी अपराधों में तेजी से कमी आयी है. इस बारे में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या (Keshav Prasad Maurya) ने कहा है कि सरकार की तैयारी की वजह से यह सब संभव हुआ है.
डिप्टी सीएम ने कहा है कि राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला आने से पहले पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारी की थी. जिसके चलते न केवल अपराधों में कमी दर्ज की गई है, बल्कि फैसले वाले दिन 9 नवम्बर को यूपी के किसी जिले में कोई बड़ी आपराधिक घटना नहीं घटी. डिप्टी सीएम ने कहा है कि सरकार आगे भी ऐसी कोशिश करेगी कि प्रदेश में अपराध की घटनायें कम से कम हों. इसके लिए यूपी पुलिस अपराध नियन्त्रण की दिशा में काम भी कर रही है.
दरअसल, प्रदेश में अपराध पर नियंत्रण और नजर रखने के लिए डीजीपी मुख्यालय में कंट्रोल रूम है. यहां हर दिन अपराध की स्थिति, घटनाओं में क्या कार्रवाई हुई और बीते 24 घंटे में कौन-कौन सी वारदात हुई, इसपर नजर रखी जाती है. 9 नवंबर की घटनाओं के लिए जब जोन स्तर से डीजीपी मुख्यालय ने आंकड़े जुटाने शुरू किए तो हर जोन से गंभीर अपराध के सभी मामले शून्य-शून्य आने लगे. डीजीपी मुख्यालय को एक बार तो इन आंकड़ों पर विश्वास नहीं हुआ और जिलों से चेक कराने के बाद दोबारा आंकड़े मांगे गए तो भी यही आंकड़ा आया. इससे सभी हैरत में थे.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )