मुकेश कुमार, संवाददाता गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDUGU) ने द अमेरिकन यूनिवर्सिटी फॉर ग्लोबल पीस (AUGP), अमेरिका के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह ऐतिहासिक पहल विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन के दूरदर्शी नेतृत्व में संपन्न हुई।
पंचशील बालक कॉलेज, नोएडा में आयोजित इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। इस अवसर के साक्षी बने हिज एक्सीलेंसी एंबेसडर डॉ. मार्क बर्न्स, जो अमेरिका के व्हाइट हाउस में माननीय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार हैं, और हिज एक्सीलेंसी एंबेसडर डॉ. येसेनिया (जेसी) सांचेज।
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यह समझौता भारत और अमेरिका के बीच शैक्षणिक सहयोग और कूटनीतिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक उत्कृष्टता, सांस्कृतिक विनिमय और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के साझा संकल्प को दर्शाता है।
द अमेरिकन यूनिवर्सिटी फॉर ग्लोबल पीस (AUGP), अमेरिका के बारे में
AUGP USA 126 देशों में कार्यरत एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संस्था है, जो शांति अध्ययन और संघर्ष समाधान (Peace and Struggle Ponders) सहित विभिन्न शैक्षणिक क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देती है। इसका मुख्यालय न्यू जर्सी, अमेरिका में स्थित है और इसका संचालन AUGP USA के चेयरमैन एवं चीफ रेक्टर, हिज एमिनेंस प्रोफेसर डॉ. मधु कृष्णन के नेतृत्व में हो रहा है।
AUGP USA की वैश्विक शांति और शैक्षणिक उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता को उच्च स्तर पर सराहा गया है। हाल ही में, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यालय द्वारा एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से संस्था द्वारा वैश्विक शांति के प्रयासों की सराहना की गई।
समझौते के मुख्य उद्देश्य:
• शैक्षणिक सहयोग: अनुसंधान, ज्ञान-विनिमय और अकादमिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
• संस्कृति और शिक्षा का आदान-प्रदान: दोनों विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों के लिए शैक्षिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सुविधा।
• संयुक्त अनुसंधान और इंटर्नशिप: शोध परियोजनाओं, इंटर्नशिप और व्यावसायिक विकास को प्रोत्साहन।
• स्थायी अकादमिक साझेदारी: विभिन्न शैक्षणिक विषयों में दीर्घकालिक और लाभकारी सहयोग स्थापित करना।
इस साझेदारी के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोध और शिक्षा के नए अवसर खुलेंगे और दोनों देशों के शैक्षणिक समुदायों को लाभ मिलेगा। यह समझौता DDUGU के वैश्विक विस्तार और अंतरराष्ट्रीय अकादमिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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