लाख आरोपों के बाद भी राम मंदिर ट्रस्ट पर से नहीं डिगा भक्तों का विश्वास, नकद समर्पण राशि में हुआ तेजी से इज़ाफा

समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने राम जन्मन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra) पर कई गंभीर आरोप लगाए. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को घोटालेबाज तक बता दिया. बीते एक सप्ताह से विपक्ष ने सत्ता पक्ष और मंदिर ट्रस्ट पर आरोपों की बौक्षार कर दी, लेकिन राम भक्तों का विश्वास ट्रस्ट के ऊपर से टस से मस नहीं हुआ. दरअसल, आयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के लिए मिलने वाले चंदे से पता चला है कि तमाम आरोप भक्तों का विश्वास नहीं डिगा पाए हैं.


कोरोना कर्फ्यू के बाद जैसे-जैसे स्थितियां सामान्य हो रहीं हैं वैसे-वैसे अयोध्या आने वाले राम भक्तों की संख्या में इजाफा हो रहा है. श्रद्धालु रामलला का दर्शन कर उनके भव्य मंदिर के निर्माण के लिए नकद धनराशि चढ़ा रहे हैं. ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश गुप्त के मुताबिक करीब 10 दिनों में राम मंदिर निर्माण के लिए भक्तों की ओर से रोजाना मिलने वाली नकद समर्पण राशि का आंकड़ा औसतन 40,000 रुपये बढ़ा है.


बीते शुक्रवार को 75000 तो रविवार को भारी बारिश के बीच करीब 70000 रुपए की नकद धनराशि राम मंदिर निर्माण के सहयोग में प्राप्त हुई. राम भक्तों की ओर से चंदे में प्राप्त इस नकद धनराशि को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय में जमा करा दिया गया है. लाखों रुपये चेक से भी प्राप्त हुए हैं. बीते शुक्रवार को ही एक राम भक्त ने पांच लाख रुपये का चेक प्रदान किया.


नकद धनराशि के रूप में मिल रहा राम भक्तों का यह समर्पण ट्रस्ट के प्रति उनके विश्वास को दर्शाता है. हनुमानगढ़ी के संत राजू दास कहते हैं कि आरोप लगाने वाले कभी नहीं चाहते कि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बने. उन्होंने तो राम जी के अस्तित्व को खारिज किया, कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं. राम मंदिर विश्व के करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है, जो बन कर रहेगा.


कोरोना की पहली लहर के बाद जब स्थितियां सामान्य हुई थीं तो रोजाना लाखों की संख्या में राम भक्त अयोध्या अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच रहे थे. दूर दराज से आने वाले भक्त रामलला का दर्शन करने के बाद रामकोट स्थित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय में निधि समर्पण करते थे. कोरोना की दूसरी लहर से पहले रोजाना ढाई से तीन लाख रुपए समर्पण निधि प्राप्त हो रहा था.


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