कोरोना वायरस के खिलाफ कई मोर्चों पर जुटे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर प्रदेशवासियों को बड़ी सौगात दी है. योगी आदित्यनाथ ने 75 जनपदों में ट्रू-नेट (Truenat machine) मशीनों का डिजिटल के माध्यम से उद्घाटन किया है. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि ट्रू नेट मशीनों के माध्यम से कोविड नेगेटिव की रिपोर्ट जल्दी प्राप्त की जा सकती है, मुझे खुशी है कि आज हम प्रदेश के सभी 75 जनपदों में इस मशीन की आपूर्ति करने में समर्थ हैं.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि व्यापक विचार-विमर्श के बाद यह बात सामने आई कि ट्रू-नेट मशीन के माध्यम से कोरोना वायरस के जांच की सुविधा को उपलब्ध कराया जा सकता है और शीघ्र रिपोर्ट प्राप्त की जा सकती है. इसके बाद हमने प्रदेश के सभी नॉन-कोविड अस्पतालों, सभी जिला चिकित्सालयों के साथ ही मेडिकल कॉलेजों में इस मशीन की आपूर्ति के लिए त्वरित कार्रवाई की और आज हम प्रदेश के सभी 75 जनपदों और 6 मेडिकल कॉलेजों में इस मशीन की आपूर्ति करने में सफल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि मैंने पिछले दिनों चार मंडल बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़ और वाराणसी का स्वयं दौरा किया था. वहां इन सभी मशीनों की आवश्यकता को महसूस करते हुए इसकी उपयोगिता के बारे में टीम-11 को भी बहुत स्पष्ट शब्दों में अवगत कराया था. यह इस समय बेहद महत्वपूर्ण है कि जब हम कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी से लड़ रहे हैं, उन स्थितियों में हमारे सामने वह सारे उपाय होने चाहिए जो हर प्रकार से कोरोना वायरस संक्रमण की चेन को तोडऩे में मददगार हो सकते हैं. कोरोना महामारी के दौरान यह देखा गया है कि जहां भी थोड़ी लापरवाही हुई, वहां संक्रमण तेजी के साथ फैला है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कारण से सावधानी बरतने के लिए लॉकडाउन के प्रथम चरण में अस्पतालों में केवल कोरोना जांच की सुविधा के अलावा ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी गई थीं. प्रथम चरण के बाद इमरजेंसी सेवाएं प्रारम्भ की गईं लेकिन हमारे सामने उस समय ऐसा कोई भी रास्ता नहीं था, जिससे हम लोगों को एक सुरक्षित माहौल में इमरजेंसी सेवाएं और ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध करा सकें.
सीएम योगी ने कहा कि मैं स्वास्थ्य विभाग को इस बात के लिए बधाई दूंगा कि उन्होंने 15 हजार से अधिक टेस्ट प्रतिदिन का लक्ष्य पूरा कर लिया है, इसी को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया का हिस्सा यह सभी ट्रू नेट मशीनें हैं. यह मशीन एक दिन में 20 से 25 सैंपल की जांच कर सकती है. इससे जो इमरजेंसी सेवाएं और आवश्यक ऑपरेशन हैं उनको आगे बढ़ाने में काफी सहायता मिल सकती है.
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