गलवान हमले में बिहार रेजिमेंट ने दिखाया रौद्र रूप, डरकर भाग रहे 18 चीनी सैनिकों की तोड़ डाली गर्दन

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में बीते दिनों चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना (Indian army) के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू के शहीद होने के बाद बिहार रेजिमेंट (bihar regiment) के जवानों का रौद्र रूप सामने आया है। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि अपने ऑफिसर की शहादत से गुस्साए भारतीय सैनिकों ने एक-एक कर 18 चीनी सैनिकों की गर्दनें तोड़ दीं थीं और उनके सर झूल रहे थे।


उन्होंने बताया कि अपने कमांडर की शहादत के बाद भारतीय सैनिक इतने आक्रोशित हो गए कि सामने आने वाले हर चीनी सैनिक का वो हाल किया कि उनकी पहचान कर पाना भी संभव नहीं रहा। बिहार रेजिमेंट के जवानों का यह रौद्र रूप देखकर सैकड़ों की संख्या में मौजूद चीनी सैनिक इधर-उधर भागने लगे और घाटियों में जाकर छिप गए, जिसके बाद भारतीय जवानों ने उनका पीछा किया और पकड़-पकड़ कर मारा।


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इस दौरान भारतीय सैनिक चीन के अधिकार क्षेत्र में पहुंच गए थे, जिन्हें बाद में चीन ने वापस भेजा। इस हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए और कई घायल भी हुए। लेकिन झड़प में चीन को काफी नुकसान पहुंचा। चीन के 43 से ज्यादा सैनिक मार गिराए गए। यही नहीं, उनका एक कमांडिंग ऑफिसर भी भारतीय सेना के जवानों द्वारा मौत की नींद सुला दिया गया। कई तो बुरी तरह से घायल भी हैं।


बता दें कि भारत ने पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी पर संप्रभुता को लेकर चीन के दावे को खारिज कर दिया है। साथ ही पड़ोसी देश से स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘बढ़ा-चढा कर व झूठे’ दावे करने के उसके प्रयास स्वीकार्य नहीं हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि गलवान घाटी पर चीन का दावा अतीत की स्थिति के अनुरूप नहीं है। वैसे भी गलवान की स्थिति ऐतिहासिक रूप से स्पष्ट है। यह घाटी भारत का हिस्सा है।


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उन्होंने कहा कि चीन द्वारा अतिक्रमण के किसी भी प्रयास का हमेशा हमारी ओर से उचित जवाब दिया गया है। सेना घाटी समेत भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के सभी सेक्टरों में एलएसी की स्थिति से पूरी तरह परिचित हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)के पार किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है। भारतीय सैनिक लंबे समय से इस इलाके में गश्त करते रहे हैं और कोई घटना नहीं हुई।


जानकारी के अनुसार, चीन के साथ लगती 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात सशस्त्र बलों को चीन के किसी भी आक्रमक बर्ताव का मुंह तोड़ जवाब देने की ‘पूरी आजादी’ दी गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ लद्दाख में हालात पर उच्च स्तरीय बैठक के बाद सूत्रों ने यह जानकारी दी।


रक्षा मंत्री के साथ इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे,नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने हिस्सा लिया। साथ ही शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जमीनी सीमा, हवाई क्षेत्र और रणनीतिक समुद्री मार्गों में चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं और चीनी सैनिकों के किसी भी दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सख्त रुख अपनाने को कहा गया है।


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