तुलसी के इस श्राप के कारण हुआ था गणेश भगवान का विवाह, जानें यह रोचक किस्सा

हरतालिका तीजहरतालिका तीज (Hartalika Teej) के अगले दिन से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर्व की शुरुआत हो जाती है. ये पर्व पूरे 10 दिनों तक चलता है. साल 2021 में इस उत्सव की शुरुआत 10 सितंबर से होने जा रही है और इसका समापन 19 सितंबर को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन होगा। जिसे गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था. हिन्दू पूजा-पद्धति में सबसे पहले गणपति महाराज की पूजा की जाती है. भगवान गणेश जी के विवाह से जुड़ी एक रोचक कथा का वर्णन मिलता है जो इस प्रकार है.…


कहा जाता है, कि गणेश जी अपने शरीर की बनावट से बहुत परेशान रहते थे. मान्यता है की एक बार जब वह तपस्या में लीन थे उसी दौरान वहां से तुलसी जी गुजर रही थी. वह गणेश जी को देख मोहित हो गईं. तुलसी ने गणेश जी से शादी करने का प्रस्ताव रखा. गणेश जी ने ब्रह्मचारी बताकर प्रस्ताव को मना कर दिया. इस बात से नाराज होकर तुलसी ने उन्हें दो शादी होने का श्राप दिया। इसी शाप की वजह से भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं होता है.


पौरणिक कथाओं की मानें तो दूसरी कथा के अनुसार, गणेश जी अपने हाथी जैसै मुंह और मोटे पेट से परेशान रहते थे. उन्हें लगता था अगर मेरा विवाह नहीं होगा तो मैं किसी और की भी शादी नहीं होने दूंगा. जिसके बाद गणेश जी बाकी अन्य देवताओं की शादी में जाकर विघ्न डालने का काम करते थे.


गणेश जी के इस व्यवहार से बाकी देवता परेशान हो गए थे, उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए. इस काम में गणेश जी का साथ उनके वाहन मूषक ने भी दिया था. सभी देवता अपनी परेशानी लेकर ब्रह्माजी के पास गए. गणेश जी की सारी बातों को बताया. इसके बाद ब्रह्माजी अपनी दो मानस पुत्रियां रिद्धि और सिद्धि को लेकर गणेश जी के पास पहुंचे और उन्हें शिक्षा देने को कहा. जब भी गणेश जी के पास शादी की खबर आती रिद्धि और सिद्धि उनका ध्यान कहीं और लगा देती थीं.


वहीं एक दिन जब इस बात का पता गणेश जी को लगा कि बिना किसी रुकावट के सभी का विवाह अच्छे से संपन्न हो गया तो वह गुस्सा होते हैं तभी वहां ब्रह्मा जी आकर रिद्धि-सिद्धि से विवाह का प्रस्ताव गणेश जी के सामने रखते हैं. फिर गणेश जी खुशी-खुशी प्रस्ताव स्वीकार कर लेते हैं. गणेश जी के साथ बेहद धूमधाम से रिद्धि-सिद्धि का विवाह संपन्न होता है.


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