तो इसलिए जुए में कभी नहीं हारते थे शकुनी मामा, जानें उनके पासों का रहस्य

आप सभी ने महाभारत में खलनायक की भूमिका निभाने वाले शकुनी मामा का नाम तो सुना ही होगा. महाभारत में जब भी किसी का जिक्र होता है तो दुर्योधन के मामा और गांधारी के भाई शकुनी का नाम जरूर लिया जाता है. षड्यंत्र के मामले में शकुनी बहुत तेज थे. शकुनी के बारे में यह काफी चर्चित है की वो षड्यंत्र के साथ-साथ दुर्योधन के मन में पांडवों के प्रति नफरत का बीज उन्होंने ही बोया था. जुए का ऐसा खेल खेला था कि कौरव और पांडव महाभारत के महायुद्ध के लिए तैयार हो गए, जिसके बाद कुरु वंश का नाश हो गया.

धार्मिक प्रसंग के अनुसार, शकुनी यह नहीं चाहते थे कि उनकी बहन गांधारी का विवाह धृतराष्ट्र से हो. भीष्म पितामह के दबाव में गांधारी को धृतराष्ट्र से विवाह करना पड़ा इसलिए वो बदले की भावना से हस्तिनापुर आकर रहने लगा और उनकी बर्बादी को लेकर कई षड्यंत्र रचने लगा.

Amazing Facts Of Mahabharat Shakuni Mama Dice - Untold Story Of ...

प्रसंग के अनुसार, एक बार भीष्म पितामह ने शकुनी के पूरे परिवार को बंदीगृह में डाल दिया. बंदी गृह में सभी को इतना ही खाना दिया जाता था कि धीरे धीरे वो तड़प तड़प के मर जाएं. भूख के कारण जब शकुनी के सभी भाई आपस में खाने के लिए लड़ने लगे तब इनके पिता ने यह तय किया कि अब से सारा खाना एक ही आदमी खाएगा. उन्होंने कहा कि हम सभी अपनी जान देकर एक आदमी की जान बचाएंगे जो हमारे साथ हुए अन्याय का बदला ले सके. इसलिए तय किया गया कि जो सबसे ज्यादा चतुर और बुद्धिमान होगा वही खाएगा. जिसमें यह देखा गया की शकुनी सबसे चतुर और बुद्धिमान है.

यही नहीं शकुनी की बुद्धिमानी की वजह से उसे पूरा खाना दिया जाने लगा चुकीं वह बहुत चतुर था तो वह पूरा खाना खाने लगा. शकुनी अपने परिवार के साथ हुए अत्याचार को भूल ना जाएं इसलिए उनके परिवार ने उनके पैर तोड़ दिए जिससे शकुनी लंगडा के चलते थे.

एक दिन जब शकुनी के पिता जब बंदी गृह में मरने लगे तब उन्होंने शकुनी की चौसर में रुचि को देखते हुए शकुनी से कहा कि मेरे मरने के बाद मेरी उंगलियों से पासे बना लेना. इनमें मेरा आक्रोश भरा होगा जिससे चौसर के खेल में तुम्हें कोई हरा नहीं पाएगा. इसी के चलते शकुनी हर बार चौसर के खेल में जीत जाते थे. वो पांडवों को इस खेल में हराने में सफल हुए.

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