उत्तर प्रदेश के हजारों गैर मान्यता प्राप्त मदरसों (Unrecognized Madrassas) को योगी सरकार (Yogi Government) नए साल में मान्यता का तोहफा देने की तैयारी कर रही है। करीब सात साल बाद प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता मिलेगी।
बीते दिनों योगी सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया था, जिसमें 5840 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले थे। अब इन मदरसों का सारा ब्योरा संकलित कर उसकी पड़ताल की जा रही है। इनमें से जो मदरसे मान्यता के लिए आवेदन करेंगे, उन्हें तय मानकों के आधार पर मान्यात दी जाएगी। यही नहीं, मदरसों के आर्थिक स्त्रोत की पड़ताल भी कराई जाएगी।
मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तेखार जावेद ने कहा कि पिछले दिनों अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने अफसरों के साथ कामकाज की प्रगति की समीक्षा की थी। इसमें उन्होंने ऐसे मदरसों को चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए हैं, जिनके आर्थिक स्त्रोत संदिग्ध है या फिर पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
वहीं, उत्तर प्रदेश में प्राइवेट मदरसों की सर्वेक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के प्रमुख ने कहा है कि एक बार फिर गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मान्यता देने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तेखार जावेद ने बताया था कि सर्वेक्षण में गैर मान्यता प्राप्त मिले मदरसों के लिए शासन की अनुमति से मान्यता की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
Also Read: UP के वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनने का रास्ता हुआ साफ, CM योगी की मुहिम को बड़ी सफलता
उन्होंने कहा कि जो लोग मदरसा बोर्ड से मान्यता चाहते हैं, उन्हें इसके लिए आवेदन करना होगा। मान्यता मिलने से मदरसों के साथ ही छात्रों को भी फायदा होगा। इसके बाद उन्हें मिलने वाली डिग्री मदरसा बोर्ड उपलब्ध कराएगा, जिनकी व्यापक मान्यता होती है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )