उत्तर प्रदेश की जनता के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। दरअसल, अब जांच के लिए लोगों को अस्पतालों की महंगी फीस नहीं देनी होंगी। दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद अब हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र हेल्थ एटीएम की सुविधा से लैस होगा। लोग इन मशीनों के जरिये खुद अपने स्वास्थ्य की जांच कर सकेंगे। ब्लड प्रेशर, पल्स रेट, टेंप्रेचर और आक्सीजन के साथ शरीर से जुड़ी तमाम चीजों की जांच मुफ्त में हो सकेगी।
मुफ्त होंगी 59 प्रकार की जांचें
जानकारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को टीम 9 के साथ बैठक की। इस दौरान राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बेहतरी को लेकर खास निर्देश जारी किए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों बेहतर इलाज मुहैया कराने को लेकर निर्देश जारी किया। साथ ही कहा कि यूपी के ग्रामीण इलाकों के साथ शहरी क्षेत्रों में बने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जल्द से जल्द हेल्थ एटीएम की स्थापना की जाए।
हेल्थ एटीएम के स्थापित होने के बाद लोगों को अलग-अलग तरह की जांच कराने के लिए शुल्क देकर विभिन्न स्थानों पर भटकना नहीं पड़ेगा। हेल्थ एटीएम में आधुनिक तकनीक वाली मशीनों के जरिए लोग निःशुल्क बॉडी मास इंडेक्स, ब्लड प्रेशर, मेटाबॉलिक ऐज, बॉडी फैट, हाईड्रेशन, पल्स रेट, हाइट, मसल मास, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सिजन की मात्रा, वजन सहित कुल 59 पैरामीटर की जांच करा सकेंगे। बॉडी स्क्रीनिंग के लिए कुल 16 तरह की जांच तत्काल हो सकेंगी। इतना ही नहीं, हेल्थ एटीएम के माध्यम से रैपिड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, गर्भावस्था, डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड, एचआईवी, ग्लूकोज, हीमोग्लोबिन, लिपिड प्रोफाइल आदि जैसी जांचें भी बड़ी ही सरलता से लोगों को उपलब्ध हो पाएंगी।
स्वास्थ्य व्यवस्था बनेगी बेहतर
हेल्थ एटीएम मशीनों को एटीएम की तर्ज पर सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाएगा। हेल्थ एटीएम की देखरेख और बेहतर संचालन के लिए तकनीशियनों की तैनाती की जाएगी। प्रशिक्षण के बाद तकनीशियनों को तैनात किया जाएगा। राज्य सरकार इस योजना के जरिये जहां एक तरफ बेहतर स्वास्थ्य पर काम कर रही हैं वहीं दूसरी ओर तकनीशियनों की तैनाती से रोजगार की एक नई राह भी खोलने जा रही है।
इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर करने के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर 14567 जारी किया गया है। इसे उपयोगी बनाने के प्रयास किए जाएं। विशेष परिस्थितियों में उन्हें एंबुलेंस चाहिए या दवा की जरूरत, सब कुछ मुहैया कराया जाए। कैंसर की समस्या से ग्रस्त या डायलिसिस के मरीजों के इलाज में कतई देरी न हो। आशा वर्कर से इनकी सूची तैयार कर, इनसे बातचीत किया जाए। इसके साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग अगले 8-10 माह के लिए अपनी कार्ययोजना तैयार करे।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )