लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को मद्देनजर रखते हुए सरकार जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) और गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट्स (आरसी) में नए बदलाव करने वाली है. नए बदलावों के बाद ट्रैफिक नियमों की अनदेखी भारी पड़ेगी साथ ही आप पुलिस की नजरों से बच नहीं पांएगे. सरकार जल्द ही देश के सभी प्रदेशों और केंद्रशासित राज्यों से जारी डीएल व आरसी स्मार्ट डीएल और आरसी में माइक्रोचिप व क्यूआर कोड लगाएगा. सरकार ने साफ़ किया है इनके रंग, लुक, डिजाइन और सिक्यॉरिटी फीचर्स सब सेम होंगे.
रखा जाएगा डेटाबेस
डॉक्यूमेंट्स में नए बदलाव के बाद अब से नियम उल्लंघनों को छिपाना लगभग असंभव होगा. इस क्यूआर कोड के जरिए केंद्रीय ऑनलाइन डेटाबेस से ड्राइवर या वाहन के पिछले रिकॉर्ड को एक डिवाइस के जरिए पढ़ा जा सकेगा. ट्रैफिक पुलिस को उनके पास मौजूद डिवाइस में कार्ड को डालते ही या क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गाड़ी और ड्राइवर की सारी डिटेल मिल जाएंगी.
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि राज्यों के लिए एकसमान मानदंड का पालन करना अनिवार्य है. कार्ड में मौजूद NFC फीचर के जरिए किसी भी गाड़ी और ड्राइवर की पिछले 10 साल की डिटेल्स सामने आ जाएंगी. एनएफसी सुविधा मेट्रो रेल और एटीएम के स्मार्ट कार्ड में उपयोग की जाती है. एक अधिकारी ने कहा, “हालांकि चिप और एनएफसी सुविधा को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन केंद्र ने राज्य सरकारों को विकल्प छोड़ने का फैसला किया.”
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देश में रोजाना करीब 32000 डीएल या तो इशू होते हैं या रीन्यू किए जाते हैं. इसी तरह रोजाना करीब 43000 गाड़ियां रजिस्टर या रीरजिस्टर होती हैं. इस नए डीएल या आरसी में 15-20 रुपये से अधिक का खर्च नहीं होगा. ट्रांसपोर्ट मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक इस बदलाव से ट्रैफिक का जिम्मा संभालने के जिम्मेदारों को भी सहूलियत होगी.
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