यूपी: पशुओं को बेसहारा छोड़ने पर लगेगा जुर्माना, आश्रय स्थलों के लिए सरकार ऐसे जुटाएगी फंड

योगी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए बताया की पशुपालकों और किसानों ने अपने पालतू पशु सड़कों तथा सार्वजनिक स्थलों पर छोड़े तो पुलिस प्रशासन द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा. पिछले 10-12 दिनों के भीतर जिन लोगों ने बेसहारा पशुओं को स्कूल में बंद किया उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. ऐसे मामले का गंभीरता से संज्ञान लेकर पारदर्शी विवेचना करें.

 

प्रत्येक जिले में 1000 निराश्रित पशुओं के लिए आश्रय स्थल 

श्रीकांत शर्मा ने बताया कि हर जिले में कम से कम 1000 निराश्रित बेसहारा गोवंश पशुओं के लिए खोले जाने वाले आश्रय स्थल के निर्माण में सरकारी विभागों द्वारा सहयोग किया जाएगा. सरकार कांजी हाउस की परंपरा को पुनर्जीवित करेगी. नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में पिंजरापोल व कांजी हाउस खुलेंगे.

 

सांसद, विधायक तथा कई निधियों से होगा संचालन

 

सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि अस्थाई आश्रय स्थलों की स्थापना के लिए सांसद, विधायक ,मनेगा समेत कई निधियों से धनराशि व्यय होगी. वित्त पोषण ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के अलावा नगर निकायों, वित्त आयोग, खनिज विकास निधि, राइफल नीति, सांसद क्षेत्र विकास निधि, विधायक निधि से होगा. मुख्यमंत्री ने स्थानीय निकायों को इस मद से 100 करोड़ रुपए दिए हैं.

 

स्टेट स्टेयरिंग कमिटी को मंजूरी 

आश्रय स्थलों के संचालन के लिए प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में स्टेट स्टीयरिंग कमेटी बनेगी. इस कमेटी के निर्देशानुसार ब्लॉक स्तर पर बीडियो, तहसील स्तर पर एसडीएम, जिला स्तर पर डीएम, और मंडल स्तर पर कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित कमेटी कार्य करेगी.

 

कई सरकारी विभागों से लेंगे गोकल्याण सेस 

निराश्रित गोवंश के आश्रय में सरकार को आर्थिक संकट ना हो इसके लिए प्रशासन के लिए सरकारी विभाग की आमदनी से अतिरिक्त सेस वसूलने का फैसला किया गया है. मंडी परिषद पहले 1% शुल्क देता था अब 2 प्रतिशत वसूल होगा. इससे सरकार को ₹340000000 की आय होगी. आबकारी विभाग से भी 2% अतिरिक्त सेस लिया जाएगा. राजकीय निर्माण निगम, सेतु निगम यूपीएसआईडीसी जैसी संस्थाओं को होने वाली आमदनी का 0.5% राज्य सरकार के अधीन युपीडा आदि संस्थाओं द्वारा वसूले जा रहे टोल टैक्स में 0.5% अतिरिक्त धनराशि गोकल्याण सेस के के रूप में वसूल होगी. आश्रय स्थल निर्माण में समस्त मिट्टी का कार्य मनरेगा से किया जायेगा.

 

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