योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) जबसे यूपी के मुख्यमंत्री बने हैं गौ-संरक्षण (Cow Protection) सरकार के मुख्य एजेंडे में शामिल रहा. अवैध स्लाटर हाउस को बंद कर गौकशी करने वालो पर अभियान चलाकर कार्यवाही हुई, सेस लगाकर गायों के लिए पोषण का इंतजाम किया गया, गायों को गोद लेने की योजना बनाई गई, गौशालाएं बनाकर गायों को रखने जैसे तमाम फैसलों के द्वारा योगी आदित्यनाथ ने यूपी में गौरक्षण को बढ़ावा दिया. बीते दिनों ही गौहत्या पर योगी सरकार की कार्रवाई की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सराहना की है. गौहत्या के खिलाफ योगी सरकार की यह कार्रवाई यूपी के इतिहास की सबसे बड़ी मानी जा रही है, जिसकी आंकड़े खुद गवाही दे रहे हैं.
हाई कोर्ट ने योगी सरकार द्वारा दिए गए तथ्यों की गहनता से जांच की और सरकार की तारीफ भी की. जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, 20 मार्च 2017 से 31 जुलाई 2021 तक योगी सरकार ने 17 हजार 439 गौहत्यारों को जेल भेजा है. इसके अलावा 15 लोग ऐसे हैं जिनके खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनकी कुर्की की गई. वहीं 217 आरोपियों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गई है. आइए एक नजर आंकड़ों पर डालते हैं.
●कुल पंजीकृत अभियोग- 6395
●कुल गिरफ्तार अभियुक्त- 17439
●कुर्की कार्रवाई – 15
●गुंडा एक्ट- 6490
●गैंगस्टर अभियुक्त- 6583
●गैंगस्टर अभियोग- 1615
●रासुका- 217
●कुल खोली गई हिस्ट्रीशीट -1421
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गौहत्या पर कही थी अहम बात
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गोहत्या अधिनियम के तहत आरोपी जावेद की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान ये बात कहते हुए जमानत खारिज कर दी कि गाय को नुकसान पहुंचाने की बात करने वालों को भी दंडित करने के लिए सख्त कानून बनाया जाना चाहिए. गाय भारत की संस्कृति का अभिन्न अंग है और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ हिन्दू ही गाय के महत्व को नहीं समझते हैं, बल्कि मुस्लिम शासनकाल में भी गाय को भारत की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया था. कोर्ट ने कहा कि गाय को मौलिक अधिकार देने और इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए और संसद में विधेयक लाना चाहिए.
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