ज्ञानवापी सर्वे का आदेश देने वाले जज को ‘काफिर’ बताकर जान से मारने की धमकी, पुलिस ने दर्ज की FIR

ज्ञानवापी सर्व (Gyanvapi Survey) का आदेश देने वाले सिविल जज (सीनियर डिविजन) को धमकी दिए जाने के मामले में गुरुवार को केस दर्ज हो गया. यह मुकदमा अज्ञात के खिलाफ कैंट थाने में दर्ज हुआ. 7 मई को जज रवि कुमार दिवाकर (Judge Ravi Kumar Diwakar) को दिल्ली से इस्लामिक आगाज मूवमेंट के अध्यक्ष काशिफ अहमद सिद्दकी के नाम से पत्र आया था. जिसमें धमकी के साथ आपत्तिजनक बातें लिखी गई थी. सिविल जज को धमकी भरा पत्र मिलने के बाद वाराणसी कमिश्नरेट में हड़कंप मच गया था. हालांकि, अभी तक धमकी देने वाला पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

ज्ञानवापी प्रकरण में सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही का आदेश देने वाले सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर को जान से मारने की धमकी मिली थी. उन्हें इस्लामिक आगाज मूवमेंट की ओर से यह धमकी रजिस्टर्ड डाक से भेजी गई है. सिविल जज ने जिला जज के द्वारा अपर मुख्य सचिव गृह समेत पुलिस महानिदेशक व पुलिस कमिश्नर को पत्र भेजा है. इसमें धमकी भरे पत्र को भी संलग्न किया गया है. सिविल जज ने पहले भी इस बात की आशंका जताई थी. इसके बाद उन्हें सुरक्षा भी उपलब्ध कराई गई थी.

पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने बताया कि सिविल जज ने इस संबंध में मंगलवार की शाम उन्हें जानकारी दी है. इस मामले की जांच डीसीपी वरुणा जोन आदित्य लांग्हे कर रहे हैं. साथ ही क्राइम ब्रांच व कैंट थाने की पुलिस को भी जांच के लिए लगाया गया है.

जज को बताया था काफिर 

पत्र में लिखा है ‘अब न्यायाधीश भी भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं. फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनसे जुड़े संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं.’ इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं. आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं. आपको सरकारी मशीनरी मिली है, फिर आपकी पत्नी व मां को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रूख देखकर चालबाजी दिखा रहे हैं. आपने वक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है. अप भी तो मूर्तिपूजक हैं. आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे. कोई भी काफिर मूर्तिपूजक हिंदू न्यायाधीश से मुसलमान सही फैसले की उम्मीद नहीं कर सकता.

jagran josh

गौरतलब है कि सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर ने महीने भर पहले ही अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. उन्‍होंने इस लिखा था कि एक साधारण मामले को असाधारण बनाकर डर का माहौल बनाया गया है. डर इतना है कि मेरे परिवार को और मुझे परिवार की चिंता बनी रहती है. घर से बाहर होने पर बार-बार पत्नी मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है. मां ने भी मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की थी, जब उन्हें पता चला था कि मैं कमिश्नर के रूप में ज्ञानवापी जा रहा हूं. वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

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