Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ में मामले में वांटेड मुख्य आयोजक और एक लाख के ईनामी मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को यूपी पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए 2 अन्य आरोपियों रामप्रकाश शाक्य व संजू यादव को भी गिरफ्तार कर लिया है. इस तरह अब तक हाथरस पुलिस ने कुल 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इनसे बीते कुछ समय पहले कुछ राजनीतिक पार्टियों द्वारा सम्पर्क किया गया था. ऐसे में फंड इकट्ठा करने के सम्बन्ध में गहराई से जांच की जा रही है कि कहीं इस तरह के कार्यक्रम तथा अन्य संसाधन किसी राजनीतिक पार्टी से पोषित तो नहीं है.
बैंक खाते, चल-अचल सम्पत्ति, मनी ट्रेल की हो रही जांच
हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने बताया कि देवप्रकाश मधुकर को हाथरस की जनपदीय एसओजी द्वारा शुक्रवार को देर शाम नजफगढ़ (दिल्ली) से गिरफ्तार किया गया था, जबकि सिकन्द्राराऊ पुलिस द्वारा शनिवार को अभियुक्त रामप्रकाश शाक्य को कैलोरा चौराहा से तथा अभियुक्त संजू यादव को गोपालपुर कचौरी, सिकन्द्राराऊ से गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि अभियुक्त देवप्रकाश मधुकर इस संगठन में काफी दिनों से जुड़े होने के कारण संगठन का फंड रेजर बन गया था और संगठन को संचालित करने तथा सत्संग इत्यादि कराने के लिए पैसे इकट्ठा कर रहा था. अब तक की पूछताछ से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कोई राजनीतिक दल अपने राजनीतिक व निजी स्वार्थ्य के लिए इनसे जुड़े है. अभियुक्त देवप्रकाश मधुकर से जुडे हुए समस्त बैंक खाते, चल-अचल सम्पत्ति, मनी ट्रेल इत्यादि की जांच की जा रही है जिसमें आवश्यकतानुसार अन्य एजेन्सियों से भी सहयोग लिया जाएगा.
जानबूझकर भीड़ के बीच से निकाली गई बाबा की गाड़ी
पुलिस के मुताबिक पूछताछ में सामने आया है कि इनके और इनके सेवादरों द्वारा भोले बाबा की गाड़ी को भीड़ के बीच से निकाला गया, जबकि इनको इस तथ्य की जानकारी थी कि भीड़ से गाड़ी निकालने के समय चरणरज के लिए भगदड़ मचने से भयानक दुर्घटना हो सकती थी. इसके अतिरिक्त इस तथ्य की भी गहराई से जांच की जा रही है कि यह घटना आयोजक सेवादारों द्वारा किसी के कहने या दुष्प्रेरित करने से तो नही कराई गई है. पुलिस के मुताबिक आवश्यकतानुसार गिरफ्तार सेवादार, आयोजकों को पुलिस कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ की जाएगी.
भीड़ को संभालने का नहीं किया गया कोई प्रयास
पुलिस ने बताया कि शुरूआती पूछताछ में देवप्रकाश मधुकर ने बताया कि वह एटा में साल 2010 से मनरेगा में जूनियर इंजीनियर के पद पर संविदा पर कार्यरत है. वह इस संगठन से वर्षों से जुडा है और इस संगठन के कार्यक्रम आयोजित कराना तथा संगठन के लिए फंड इकट्ठा करने का काम करता है. वह 2 जुलाई को ग्राम फुलरई में आयोजित सत्संग के कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था तथा इस कार्यक्रम की अनुमति उसी के द्वारा ली गई थी.
अभियुक्त देवप्रकाश एवं अन्य सेवादारों के द्वारा पुलिस प्रशासन को कार्यक्रम स्थल के अन्दर किसी भी तरह के हस्तक्षेप से रोका गया. कार्यक्रम स्थल पर किसी भी व्यक्ति को वीडियोग्राफी अथवा फोटोग्राफी करने से रोका जाता था. प्रशासन द्वारा निर्गत अनुमति पत्र में वर्णित अनेक शर्तों का उल्लंघन करते हुए यातायात व्यवस्था इत्यादि को प्रभावित किया गया. पूछताछ से यह भी स्पष्ट हुआ है कि इनके द्वारा भीड़ को सम्भालने का कोई प्रयास नही किया गया तथा सभी मौके से फरार हो गए.
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