हाफिज के पैसों से हरियाणा में बन रही थी मस्जिद,  NIA की जांच में बड़ा खुलासा

हरियाणा के पलवल जिले में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए के इस खुलासे से हरियाणा की खट्टर सरकार के हाथ-पांव फूल गए हैं। एनआईए की जांच में सामने आया है कि पलवल जिले में बन रही मस्जिद के लिए लश्कर-ए-तैयबा ने फंड जारी किया। आतंकी संगठन की फंडिंग से बनने वाली यह मस्जिद पलवल जिले के उत्तावर गांव में है जिसका नाम है खुलाफ-ए-रशीदीन।

 

मस्जिद के इमाम को हो रही थी फंडिंग

इससे पहले नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कथित टेरर फंडिंग के मामले में मस्जिद के इमाम मोहम्मद सलमान सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तावर गांव के लोगों ने बताया कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है, वह विवादित है। हालांकि, मस्जिद के इमाम सलमान के लश्कर-ए-तैयबा से लिंक पर पूछे गए सवाल पर गांववालों ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है।

 

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मिली जानकारी के मुताबिक, एनआईए ने मस्जिद के लिए दान और दस्तावेजों के विवरण बरामद कर लिए हैं। मस्जिद के पदाधिकारियों से पूछताछ और खाता किताबों की जांच की जा रही है। बता दें कि इस मस्जिद के 52 वर्षीय इमाम मोहम्मद सलमान, मोहम्मद सली और सज्जाद अब्दुल वानी को 26 सितंबर की ताखीख में लाहौर स्थित फलाह-ए-इंसानियायत फाउंडेशन (एफआईएफ) से फंड हासिल करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

 

जमात-उद-दावा के फाउंडेशन ने भी लगाया मस्जिद में पैसा 

अहम बात तो ये है कि फलाह-ए-इंसानियायत फाउंडेशन की स्थापना हफीज सईद के जमात-उद-दावा (लश्कर का मूल संगठन)  ने की थी। सूत्रों का कहना है कि एनआईए की जांच में पता चला है कि सलमान ने कथित रूप तौर पर बताया कि पलवल में मस्जिद बनाने के लिए एफआईएफ ने धन लगाया। यही नहीं, जांच में यह भी पता चला कि मस्जिद के इमाम सलमान का दुबई के कई लोगों से लिंक है।

 

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जानकारी के मुताबिक, दुबई में ही सलमान लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े लोगों के संपर्क में आया। जिसके बाद से एफआईएफ ने उसे फंड देना शुरू किया था और मस्जिद के नाम पर 70 लाख रूपए भी दिए थे। यही नहीं, सलमान की बेटियों की शादी तक के लिए पैसा दिया गया।

 

गांव के प्रधान ने कहा- गांव के लोगों ने दिया फंड

वहं, उत्तावर गांव के प्रधान रमेश प्रजापति ने एनआईए की जांच रिपोर्ट को सिरे से नकारते हुए कहा कि खुलाफ-ए-रशीदीन के नाम से बनने वाली मस्जिद की जमीन कानूनी तरीके से ली गई है और कई गांव के ही लोगों ने मिलकर इस मस्जिद के लिए फंड दिया था।

 

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हालांकि, एनआईए सूत्रों की मानें तो मस्जिद के नाम पर सलमान को दुबई निवासी पाकिस्तान के नागरिक कामरान के नाम से 70 लाख का चेक मिला था। ऐसे में यह माना जा रहा है कि कामरान आतंकी संगठन के लिए काम करता है और भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए पैसा उपलब्ध कराता है।

 

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