Utility Desk: भारत में रेलवे यात्रा करना करोड़ों लोगों के लिए एक सामान्य बात है। लाखों लोग रोज़ ट्रेन से सफर करते हैं और इस यात्रा को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए रेलवे ने कई तरह की सेवाएं शुरू की हैं। इनमें रिजर्व और नॉन-रिजर्व कोचों के अलावा एसी और स्लीपर कोचों का खास महत्व है। रिजर्व कोच में यात्रा करने के लिए टिकट का आरक्षण अनिवार्य है, और बिना रिजर्वेशन के यात्री इन कोचों में यात्रा नहीं कर सकते। हालांकि, हाल के समय में एक गंभीर समस्या सामने आई है, जहां कुछ यात्री बिना टिकट के एसी कोच में घुसने की कोशिश करते हैं। इस बारे में रेलवे की सख्त नीतियाँ और जुर्माने की जानकारी जरूरी है।
रेलवे के रिजर्व कोचों का महत्त्व और नियम
रेलवे में रिजर्व कोचों में यात्रा के लिए सीटों का आरक्षण किया जाता है। ये कोच विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए होते हैं जो लंबी दूरी की यात्रा करते हैं और जिनके पास पहले से बुक किए गए टिकट होते हैं। रिजर्व कोच में दो प्रमुख श्रेणियाँ होती हैं: स्लीपर कोच और एसी कोच।
- स्लीपर कोच: इन कोचों में सामान्य और सस्ते टिकट होते हैं, जहां यात्रियों को हवा कूलिंग की सुविधा नहीं मिलती।
- एसी कोच: ये कोच आरामदायक होते हैं और इनमें एयर कंडीशनिंग की सुविधा होती है, जिसके कारण इन टिकटों की कीमत स्लीपर कोच से अधिक होती है।इन रिजर्व कोचों में एक स्पष्ट नियम होता है कि यदि किसी यात्री ने स्लीपर कोच का टिकट बुक किया है तो वह केवल स्लीपर कोच में ही यात्रा कर सकता है, और यदि किसी ने एसी कोच का टिकट बुक किया है तो वह सिर्फ एसी कोच में ही यात्रा कर सकता है।
बिना टिकट एसी कोच में घुसने पर जुर्माना
हाल ही में महाकुंभ जैसी बड़ी घटनाओं के दौरान कई यात्रियों को एसी कोच में बिना टिकट घुसते देखा गया। यह एक गंभीर उल्लंघन है, और रेलवे के नियमों के अनुसार ऐसा करना अपराध है। यदि कोई यात्री बिना टिकट एसी कोच में घुसता है तो उसे निम्नलिखित सजा का सामना करना पड़ सकता है:
- जुर्माना: रेलवे अधिनियम, 1989 के तहत ऐसा अपराध करने वाले यात्री पर जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माने की राशि 250 रुपये तय की जाती है। यह जुर्माना बिना टिकट घुसने पर लगता है। इसके अलावा, यात्री को उस स्टेशन तक का किराया भी देना पड़ता है, जहां से उसने ट्रेन में चढ़ाई की थी, और जिस स्टेशन पर टिकट निरीक्षक (टीटीई) ने उसे पकड़ा है।
- किराया: इसके अलावा, यात्री को उस समय के किराए का भुगतान भी करना पड़ता है, जो ट्रेन में चढ़ने से लेकर टीटीई द्वारा पकड़े जाने तक का होगा। यह यात्री को उस स्टॉप तक के किराए के रूप में चुकाना पड़ता है।
हिंसक यात्रियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
अगर कोई यात्री एसी कोच में घुसने के लिए हिंसक तरीके अपनाता है या ट्रेनों में उपद्रव करता है, तो यह सुरक्षा के लिहाज से गंभीर मामला बन जाता है। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के पास अधिकार है कि वह ऐसे यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकाल सकें। यदि यात्री की हिंसक हरकतें यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं, तो रेलवे सुरक्षा बल उसे गिरफ्तार कर सकता है और उसे जेल भेज सकता है।
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रेलवे सुरक्षा बल और उसके अधिकार
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को इस प्रकार के मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार होता है। यदि कोई यात्री एसी कोच में घुसने के लिए गलत तरीके से जिद करता है या विरोध करता है, तो RPF को यह अधिकार है कि वह उसे बाहर निकाले और जरूरी कार्रवाई करे। हिंसा या उपद्रव करने पर उस यात्री को गिरफ्तार किया जा सकता है और उसे यात्री सुरक्षा के उल्लंघन के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।