कोरोना महामारी के इस कठिन समय में फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में देश भर में डॉक्टर और पुलिस के जवान जी जान से लोगों की मदद को जुटे हैं। चाहे अस्पतालों में लोगों का इलाज करना हो या बाहर लोगों को उनके घर पर किसी तरह की मदद पहुंचानी हो। डॉक्टर और जवान हर तरह से अपना फर्ज निभा रहे हैं। पर, इंदौर जिले में एक अफसर ऐसे भी हैं जो दोनों भूमिका बखूभी निभा रहे हैं। जी हां, जिले में तैनात स्पेशल ब्रांच में तैनात एक एसपी ड्यूटी के बाद पुलिस लाइन में पुलिस कर्मियों के लिए बने कोविड अस्पताल में लोगों के इलाज के लिए पहुंचते हैं। बड़ी बात ये है कि उनका खुद का बेटा संक्रमित है, बावजूद इसके वो लोगों की मदद को हमेशा तत्पर रहते हैं।
ड्यूटी के बाद आते हैं अस्पताल
जानकारी के मुताबिक, सभी जगहों की तरह इंदौर जिले में भी पुलिस के जवान तेजी से वायरस की चपेट में आ रहे हैं। जिनको समय पर इलाज देने के लिए हाल ही में पुलिस लाइन में ही एक कोविड अस्पताल का शुभारंभ किया गया है। ताकि जवानों को इलाज के लिए भटकना ना पड़े। इसी अस्पताल में सिर्फ एक डॉक्टर दिनेश आचार्य इस संक्रमण में अपनी कमान संभाले हुए थे। ऐसे में एसपी डॉ राजेश सहाय द्वारा आग्रह करने के बाद अब ओपीडी में मरीजों को देखना एसपी साहब ने भी शुरू कर दिया है।
खुद का बेटा भी है संक्रमित
बता दें कि राजेश सहाय ने एमबीबीएस और एमडी (एनेस्थीसिया) की डिग्री ली है। पुलिस विभाग में भर्ती होने के पहले वे बड़े अस्पताल में आइसीयू प्रभारी थे। बड़ी बात ये है कि एसपी का 14 वर्षीय बेटा भी संक्रमित हैं, लेकिन वे बेटे की देखरेख, पुलिस की ड्यूटी और मरीजों का इलाज नियमित रूप से कर रहे हैं। अस्पताल में एसपी पीपीई किट, फेस शील्ड, स्टेथोस्कोप धारण कर एक पेशेवर डाक्टर बन जाते हैं। एसपी को डॉक्टर के रूप में देखकर सिपाही भी बड़ी आसानी से अपनी दिक्कतें उन्हें बता देते हैं।
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