अब इस मुस्लिम देश ने ‘बुर्क़ा’ पर लगाया ‘बैन’, आतंकी हमलों से सुरक्षा बताई वजह

अफ्रीका के मुस्लिम देश ट्यूनीशिया ने शुक्रवार को महिलाओं के चेहरे को ढंकने वाले नकाब (बुर्क़ा) पहनने पर रोक लगा दी है। नए नियम के मुताबिक, अब किसी भी सार्वजनिक भवन में घुसने के लिए मुस्लिम महिलाओं को अपने चेहरे से बुर्क़ा हटाना होगा, ऐसा नहीं करने पर अंदर जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। ट्यूनीसिया ने यह कदम आतंकी हमलों से सुरक्षा के मद्देनजर उठाया है।


ट्यूनीसिया के प्रधानमंत्री यूसुफ चाहेद ने दिया आदेश

बता दें कि 27 जून को ट्यूनिस में हुए दो आत्मघाती हमलों में दो लोग मारे गए थे और सात घायल हो गए थे। इस हमले का मास्टरमाइंड अयमेन सिमरी को बताया जा रहा है। हमले का असर इतना हुआ कि ब्रिटेन ने अपने सभी नागरिकों को ट्यूनीशिया नहीं जाने या ख़तरे से भरा बताते हुए एक सर्कुलर जारी कर दिया। ऐसे में ट्यूनीशिया के प्रधानमंत्री ने देश में हुए हमलों के बाद सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सरकारी कार्यालयों में बुर्क़ा पर बैन लगा दिया है।


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प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री यूसुफ चाहेद ने एक सरकारी परिपत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें ‘सरकारी प्रशासनिक कार्यालयों एवं सरकारी संस्थानों में किसी भी व्यक्ति के मुंह ढक कर आने पर सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध’ लगाने की बात की गई है। जानकारी के मुताबिक, फरवरी 2014 में ट्यूनीशिया के गृहमंत्री ने पुलिस को बुर्क़ा पहनने वाली सभी महिलाओं पर विशेष ध्यान देने को कहा था


इन देशों में लगा है बुर्क़ा पर बैन

फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी ने वर्ष 2010 में इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने कहा था इससे महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिलेगा। फ्रांस के कानून के मुताबिक, बुर्का और नकाब पर पूरी तरह बैन लगा हुआ है और अगर कोई भी इस नियम का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। वहीं, चीन में पब्लिक बस में स्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं है। जो भी ऐसा करते पाया गया, उसे बसों में सवारी करने की इजाजत नहीं दी जाती।


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उधर, डेनमार्क ने चेहरे को ढकने वाले सभी तरह के स्कार्फ पर बैन लगाया हुआ है। साल 2018 में इसको लेकर डेनमार्क की संसद में एक कानून पारित हुआ था। इस काननू के तहत डेनमार्क की पुलिस को यह अधिकार है कि अगर वह किसी महिला का चेहरा नकाब या बुर्का या किसी भी तरह से ढका हुआ देखते हैं, तो उनको फाइन कर सकते हैं। पुलिस उन्हें बुर्का या नकाब हटाने को भी कह सकती है। पहली बार नियम का उल्लंघन करने पर 1,000 डैनिश क्रोन और दूसरी बार पकड़े जाने पर 10,000 डैनिश क्रोन फाइन देना होता है।


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रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी में साल 2017 में सरकारी कर्मचारी, जज और सैनिकों के पूरा चेहरा ढकने पर बैना लगा दिया गया। श्रीलंका ने तो हाल में ही हुए आतंकी हमले के बाद सार्वजनिक जगहों पर चेहरे को पूरी तरह से ढकने पर बैन लगा दिया है। तो वहीं, बेल्जियम में साल 2011 से ही बुर्का और नकाब पर बैन लगाया हुआ है। जानकारी के मुताबिक, इस नियम को तोड़ने की वजह से 24 अगस्त, 2016 तक 60 महिलाओं के खिलाफ मुकदमा चलाया गया।


बुर्क़ा और नकाब बैन की लिस्ट में नीदरलैंड, कैमरून और इटली के लोम्बार्डी में भी बना लगा हुआ है।


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