जालौन: कोरोना के बीच मिसाल बने BJP विधायक, 50 लाख देने के साथ कर रहे मदद की मॉनिटरिंग, एक-एक मरीज से पूछ रहे हालचाल

कोरोना ने जहां एक ओर तबाही मचा रखी है वहीं दूसरी और सरकार के जनप्रतिनिधि कोरोना संक्रमित मरीज़ो का सहारा बनकर उनके दुःखो को दूर करने का भरपूर प्रयास कर रहें हैं। वैश्विक महामारी के दौर में बीजेपी पार्टी के विधायक एल 1 व एल 2 अस्पतालों का निरीक्षण कर मरीज़ो की तकलीफों को दूर करने का प्रयास कर रहें हैं। दरअसल, जालौन जिले में कोरोना लगातार अपना कहर बरपा रहा है और अब तक 139 लोगों की मृत्यु भी चुकी हैं। जिसके खिलाफ जंग लड़ने के लिए अब सदर विधायक भी मैदान में उतर चुके हैं। गुरुवार को लगातार छठवें दिन भाजपा के सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा ने वार्ड का निरीक्षण किया व मरीजों का हालचाल भी जाना।


विधायक निधि से 50 लाख रुपए की दी मदद

कोरोना महामारी से निपटने के लिए सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने विधायक निधि से 50 लाख रुपये का सहयोग दिया हैं जिससे कोरोना की रोकथाम के लिए जिले में ऑक्सीजन स्टाक, दवाओं की उपलब्धता की पूर्ति हो सकें। विधायक गौरीशंकर ने कहा कि जनसहयोग से ही कोरोना से लड़ाई लड़ी जा सकती है। सदर विधायक के साथ-साथ जिले के दो अन्य विधायक मूलचंद निरंजन व नरेन्द्र सिंह जादौन ने अपनी-अपनी निधि से डीएम को 50-50 लाख रुपये का सहयोग दिया हैं।


छठवें दिन भी जारी रहा विधायक का ऑपरेशन मदद

सदर विधायक ने अपने अभियान के छठवें दिन भी मरीज़ो की सुविधाएं दिलाने के लिए काफी सक्रिय नज़र आ रहे हैं। आज उन्होंने मेडिकल कॉलेज व कोविड अस्पताल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया व मरीज़ो तक बिस्कुट व पानी भी पहुंचाया इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल व जिला अस्पताल के सीएमएस व स्टाफ से जिले में कोरोना की मरीजों के इलाज के बारे में जानकारी ली। डॉक्टरों से कहा कि कोरोना के दौर में आम जनता को इलाज में किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।


ऑक्सीजन की न हो कमी खरीदे जाएं ऑक्सीजन कंसट्रेटर

उधर, मेडिकल कालेज में ऑक्सीजन की समस्या को देखते हुए विधायक गौरीशंकर वर्मा विधायक निधि से 50 लाख रुपये की धनराशि मेडिकल कालेज को सहायता हेतु दे चुके हैं। जिससे ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लगवाने को कहा गया है। विधायक ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने उन्हें अवगत कराया था कि ऑक्सीजन के विकल्प के रूप में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर है। एक कंसंट्रेटर 10 किलोग्राम गैस प्रति मिनट बनाएगा। इससे मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी को दूर किया जा सकता है। मरीजों को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन का लाभ मिल सकता है।


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INPUT- Pradeep Tripathi


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