टेरर फंडिंग: आरोपी जावेद अली की गिरफ्तारी पर पिता ने कहा- अगर मेरा बेटा हो दोषी, तुरंत मार दो गोली

बीते सोमवार को एनआईए (NIA) ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) से जुड़े मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) के जावेद अली (Javed Ali) को दिल्ली एयरपोर्ट (Delhi Airport) से गिरफ्तार किया था. उस पर दुबई (Dubai) से हवाला के जरिये भारत में आने वाले पैसे को लश्कर के नए एजेंटों को बांटने का आरोप है. वहीं, इस मामले में जावेद के पिता इमरान ने पहले तो अपने बेटे को बेकसूर बताया, फिर कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. अगर जांच में मेरा बेटा दोषी पाया जाए तो उसे गोली मार दी जाये.


Also Read: टेरर फंडिंग: दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया मुजफ्फरनगर का जावेद अली, लश्कर-ए-तैयबा के लिए करता था काम


बता दें छपार क्षेत्र के गांव खामपुर निवासी जावेद अली सऊदी अरब में कारपेंटर की नौकरी करता था. सोमवार देर रात सऊदी अरब से लौटते समय एनआईए की टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से जावेद को गिरफ्तार कर लिया था. जावेद पर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा के लिए हवाला कारोबार के जरिये टेरर फंडिंग का आरोप है. जावेद की गिफ्तारी की सूचना पर मंगलवार को खुफिया विभाग एवं पुलिस टीम ने गांव खामपुर पहुंचकर उसके घर-परिवार की जानकारी लेने के साथ ही परिजनों और ग्रामीणों से जावेद के संबंध में पूछताछ की.


पूछताछ करती एनआईए की टीम

Also Read: पहले बहला-फुसला कर नाबालिग नेहा को घर से भागने को किया तैयार और फिर कम जेवर-रूपये लाने पर प्रेमी समीर खान ने गला घोंट कर मार डाला


इस पूरे मामले में जावेद के पिता इमरान का कहना है कि उन्हें पूरा यकीन है कि बेटा बेकसूर है, उसे इस मामले में फंसाया गया है. इसके चलते इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और यदि जांच में बेटा दोषी पाया जाए तो उसे गोली मार देनी चाहिए. बता दें गांव खामपुर निवासी जावेद अली को भारत लौटने से पहले करीब 4 महीने तक सऊदी अरब में भारतीय दूतावास की हिरासत में रखा गया था.


जावेद के पिता इमरान (दाएं) व अन्य ग्रामीण
जावेद के पिता इमरान (दाएं) व अन्य ग्रामीण

Also Read: कुशीनगर: मस्जिद में रखे बारूद से विस्फोट, मौलाना समेत 4 गिरफ्तार, 3 फरार


जावेद अली के पिता इमरान का कहना है कि उन पर बैंक कर्ज है. मार्च, 2018 में दो बेटियों की शादी थी, जिसके लिए जावेद ने सऊदी अरब से अपने कंपनी के बैंक खाते से करीब 3 लाख रुपये निकालकर मंगलौर निवासी व्यक्ति के माध्यम से घर भिजवाए थे. बैंक अपनी कर्ज की राशि उक्त रकम में से न काट ले, जिससे बेटियों की शादी रुक जाए. इसीलिए रुपये बैंक खाते के बजाए मंगलौर के गांव भुक्कनपुर निवासी अब्दुल समद के द्वारा मंगाए गए थे. पिता का कहना है कि यदि उक्त व्यक्ति के आतंकियों से जुड़े होने का पता होता तो उसके माध्यम से रुपये नहीं मंगाए जाते.


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )