कमलेश तिवारी (Kamlesh Tiwari) मर्डर में एटीएस ने बरेली(Bareilly) से एक मौलाना(Maulana) को हिरासत में लिया है. मौलाना पर हत्यारोपियों की मदद का आरोप है. फिलहाल मौलाना को हिरासत में लेकर एटीएस लखनऊ रवाना हो गई है. हिरासत में लिए गए मौलाना का नाम सैय्यद कैफी अली है और वह दरगाह आला हजरत में मौलाना है. अब मौलाना से लखनऊ में पूछताछ की जाएगी.
कमलेश तिवारी की हत्या के आरोपितों के मददगार प्रेमनगर निवासी मौलाना कैफ़ी अली रिज़वी को बीती रात एक बजे लखनऊ से आई एसटीफ़ ने हिरासत में लिया. रात में ही टीम उसको लखनऊ ले गई. शुक्रवार रात को बरेली आए आरोपित मौलाना के घर कुछ देर रुके थे. लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या के बाद आरोपितों की लोकेशन लखनऊ के बाद शाहजहांपुर, बरेली व मुरादाबाद के बाद अम्बाला मिलने की सूचना पर पुलिस की टीमें बेहद सक्रिय हैं. इस मामले में मंगलवार को यूपी एटीएस की टीम ने बरेली में मौलाना को हिरासत में लिया है. यह टीम इस मौलाना को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो चुकी है. जानकारी के अनुसार लखनऊ में 18 अक्टूबर को कमलेश तिवारी की हत्या करने के बाद दोनों आरोपी मौलाना से मिलने बरेली आए थे. मौलाना पर आरोपियों की मदद करने का आरोप है.
कमलेश सूरत नहीं आए तो हत्यारों को लखनऊ भेजा
लखनऊ लाए गए तीनों आरोपित मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद अहमद पठान को पूरे दिन गुप्त स्थान पर रखा गया, जहां उनसे लंबी पूछताछ की गई. आरोपितों ने कहा कि वर्ष 2015 में उन्होंने कमलेश तिवारी का विवादित वीडियो सोशल मीडिया पर देखा था. इसके बाद उन्होंने कमलेश की हत्या के लिए कई बार मीटिंग की थी. मौलाना शेख सलीम बार-बार हत्या की योजना को पूरा करने की बात करता था. सोशल मीडिया पर कमलेश की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही थी. आरोपित कोशिश भी कर रहे थे कि किसी तरह कमलेश सूरत आ जाएं. लंबे समय तक जब कमलेश के वहां आने की कोई संभावना नहीं दिखी तो 15 अक्टूबर को फिर बैठक की गई. इसमें अशफाक और मोइनुद्दीन हत्या करने के लिए लखनऊ आने को तैयार हो गए थे.
आतंकी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं तार
कमलेश हत्याकांड की छानबीन में जिस तरह वारदात के पीछे साजिश सामने आ रही है, उससे घटना में किसी आतंकी संगठन की भूमिका होने की आशंका भी बढ़ती जा रही है. डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि एसआइटी सभी पहलुओं पर जांच कर रही है और किसी भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता. गुजरात, हरियाणा, अंबाला व उत्तर प्रदेश के मॉड्यूल देखे जा रहे हैं. कर्नाटक, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क कर हर छोटी से छोटी जानकारी जुटाई जा रही है. नागपुर से पकड़ा गया सैय्यद आसिम अली लगातार राशिद अहमद के संपर्क में था. कमलेश की हत्या के बाद राशिद ने आसिम को फोन कर इसकी जानकारी भी दी थी. आसिम को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है. उससे पूछताछ में कई अहम राज सामने आएंगे.
हत्यारों के 7 मददगार हिरासत में
कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों और उनके मददगारों की तलाश में बरेली मंडल में एसटीएफ व एटीएस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है. बरेली, पीलीभीत और शाहजहांपुर से सात युवकों को हिरासत में लिया गया है. इन सात लोगों ने हत्यारों की मदद की थी, जिसके कारण आरोपित लोकेशन बदलते रहे. इनकी मदद से ही रविवार को नेपाल भागने की कोशिश भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली थी.कमलेश की हत्या के बाद हत्यारे मोइनुद्दीन और अशफाक बरेली में ठहरे थे. सर्विलांस के जरिये पता चला कि दोनों बरेली, पीलीभीत व शाहजहांपुर में कुछ लोगों के संपर्क में थे. इसके बाद रविवार रात से ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी गई. इस दौरान बरेली से पांच व पीलीभीत से एक युवक को पकड़ा गया, जबकि शाहजहांपुर से एक कार चालक को हिरासत में लिया गया.शुरुआती पूछताछ में पता चला है कि इन पांचों युवकों ने उनके रुकने और खाने-पीने का इंतजाम कराया था. पीलीभीत के शेरपुर कला गांव से जिस युवक को पकड़ा गया, वह भी फोन पर लगातार संपर्क में बना हुआ था.
बंद हो चुका था नेपाल गेट
वहीं शाहजहांपुर में जिस इनोवा कार चालक को पकड़ा गया, वह दोनों हत्यारोपितों को रविवार को पलिया (लखीमपुर खीरी) से शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन तक लेकर आया था. कार चालक ने पूछताछ में बताया कि रविवार को उसे दोनों आरोपित पलिया में मिले थे. वहीं से दोनों ने कार नेपाल बॉर्डर तक ले जाने के लिए बुक की थी. नेपाल सीमा तक पहुंचने में शाम के सात बज गए और बॉर्डर का गेट बंद हो चुका था. इसके कारण दोनों आगे नहीं जा सके. दोनों ने चालक से उन्हें शाहजहांपुर तक छोड़ने के लिए कहा था. इस पर वह उन्हें शाहजहांपुर ले आया था.
अशफाक मैसेंजर पर करता था चैट
ट्रांजिट रिमांड पर लिए गए आरोपितों ने पुलिस को बताया है कि अशफाक फेसबुक पर कमलेश तिवारी से दोस्ती करने के बाद सतर्क हो गया था. वह अपनी पहचान छिपाए रखता था. इस बीच उसने फेसबुक मैसेंजर के जरिए कमलेश तिवारी से बातचीत शुरू कर दी थी हिन्दू समाज पार्टी में शामिल होने के लिए उसने सूरत के स्थानीय नेताओं से संपर्क साधा था और अपनी पहचान छिपाकर उनसे बातचीत करने लगा. खास बात यह है कि स्थानीय नेताओं को भी अशफाक के ऊपर शक नहीं हुआ था और उन्होंने उससे फोन पर भी बात की थी. नागपुर में गिरफ्तार किए गए आरोपित से लखनऊ पुलिस को अहम सुराग मिलने की उम्मीद है.
सूरत में भी हत्यारों के साथियों को थी साजिश की जानकारी
आरोपितों की साजिश की जानकारी उनके कई साथियों को थी. बताया जा रहा है कि सूरत के कई लोग साजिश में शामिल थे. इनमें से कुछ घर छोड़कर फरार हैं, जिनके बारे में गुजरात पुलिस पता लगा रही है. ट्रांजिट रिमांड पर लिए गए आरोपित मौलाना शेख सलीम, फैजान और राशिद अहमद पठान ने बताया कि सूरत रेलवे स्टेशन से उन लोगों ने अपने एक करीबी शेख से असलहा लिया था. इस साजिश में शेख की संलिप्तता की बात भी सामने आई है. हालांकि पुलिस अधिकारी इस बाबत चुप्पी साधे हुए हैं.
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