बिकरू कांड: विकास दुबे और जय बाजपेई के पासपोर्ट-लाइसेंस की जांच शुरू, दर्ज हो सकता है मुकदमा

उत्तर प्रदेश के बिकरू कांड में SIT की टीम काफी सख्ती से जांच कर रही है। दरअसल, इस जांच में मुख्य आरोपित विकास दुबे और उसके खजांची जय बाजपेयी से जुड़े लोगों के शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट की जांच शुरू हो गई है। एसआइटी की संस्तुति के आधार पर बुधवार को एसएसपी ने जांच कर सभी मामलों में मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है। अफसरों ने साफ तौर पर ये कहा है कि जिन जिन तथ्यों पर सबूत मिलते जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


एसएसपी ने बताया ये

जानकारी के मुताबिक, एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि एसआइटी की जांच में विकास दुबे और उसके गुर्गों के नाम जारी शस्त्र लाइसेंस में गलत शपथ पत्र लगाने और तथ्यों को छिपाने की बात कही गई है। इसी तरह से मुकदमा दर्ज होने के बाद भी विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी के पासपोर्ट बनवा लेने का मामला भी सामने आया है।


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इस तरह के करीब तीन दर्जन से अधिक मामले एसआइटी के संज्ञान में आए हैं। यह मामले मुख्य रूप से चौबेपुर, बजरिया और नजीराबाद थानों से जुड़े हैं। तीनों थानों के प्रभारी निरीक्षकों को आदेश दिया गया है कि सभी मामलों के दस्तावेजों की जांच शुरू कर दें। जिन-जिन मामलों में फर्जी दस्तावेज व गलत तथ्य प्रकाश में आएंगे, उनमें मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होगी।


जांच में हुआ था ये खुलासा

शासन ने बिकरू कांड में जांच के लिए एसआइटी गठित की थी। जांच के दौरान पता चला कि विकास, उसके परिवार के सदस्यों व सहयोगियों ने असलहा लाइसेंस बनवाने के लिए शपथपत्र में अपराध व अन्य जानकारियों को छिपाकर पुलिस और प्रशासन की आंख में धूल झोंकने में कामयाब हुए। पता चला कि विकास दुबे को 2008 में असलहा लाइसेंस गलत तथ्यों के आधार पर जारी हुआ था।


इसके साथ ही रामकुमार कुमार दुबे, विकास के भाई की पत्नी अंजली दुबे, खजांची के रूप में चर्चित और जेल में बंद जयकांत बाजपेयी, विष्णुपाल उर्फ जिलेदार, अमित उर्फ छोटे बउवा, दीपक, विकास के सहयोगी दिनेश कुमार ने भी ऐसा ही कर लाइसेंस बनवाए थे। पुलिस भी सभी पर दर्ज मामलों को पता नहीं कर सकी और लाइसेंस के लिए संस्तुति कर दी।


इसी तरह रवींद्र, अखिलेश, अरविंद, आशुतोष व अरविंद उर्फ गुड्डन की पत्नी कंचन के शपथ पत्र को भी गलत तथ्यों पर आधारित पाया गया। अब इसकी जांच सीबीसीआइडी को दी जाएगी। इन मामलों में संबंधित थानों में मुकदमे भी दर्ज कराए जाएंगे।


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