प्रयागराज: उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर प्रसिद्ध आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा (IPS Ajay Pal Sharma) को प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ मेले की सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है। उन्हें महाकुंभ का नोडल पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है, और वह मेला क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी करेंगे। इससे पहले, अजय पाल शर्मा जौनपुर के एसपी के रूप में तैनात थे, जहां उन्होंने अपराध उन्मूलन और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की थी, जिसके बाद क्षेत्र में अपराधियों में उनका खौफ था।
महाकुंभ में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
इस बार महाकुंभ मेले की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं। अतिरिक्त सीपी अजय पाल शर्मा को एसएसपी कुंभ और अन्य विभागों से सीधे रिपोर्ट प्राप्त होगी। डॉ. अजयपाल शर्मा यूपी कैडर के तेज-तर्रार और काबिल अफसर माने जाते हैं। खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा हाल ही में किए गए बयान के बाद प्रशासन ने और अधिक सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी प्रवेश मार्गों पर तीन स्तर की बैरिकेडिंग की गई है। साथ ही भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। 3,000 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के माध्यम से मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है, ताकि कोई भी अप्रिय घटना ना हो।
कौन हैं अजय पाल शर्मा
2011 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय पाल शर्मा अपनी तेज कार्यशैली और अपराधियों के खिलाफ सख्त रवैये के लिए प्रसिद्ध हैं। पंजाब के लुधियाना में जन्मे डॉ. अजय पाल शर्मा ने पहले चिकित्सा में बीडीएस की पढ़ाई की, लेकिन फिर आईपीएस बनने का निर्णय लिया। उन्होंने सहारनपुर, गाजियाबाद और नोएडा जैसे जिलों में कई बड़े अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।
जौनपुर में अपराधियों का सफाया
अजय पाल शर्मा के जौनपुर में कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 75 एनकाउंटर किए, जिनमें तीन खतरनाक अपराधियों का सफाया किया गया। उनके नेतृत्व में कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ और अपराधियों के बीच उनका खौफ पैदा हुआ।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान
डॉ. शर्मा ने अपनी पहली तैनाती सहारनपुर के सरसावा में की थी, जहां 5 जून 2013 को पेट्रोल पंप लूट कांड में पुलिसकर्मी की शहादत के बाद उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। उन्होंने कुख्यात मुकीम काला गैंग का खात्मा कर अपराधियों में खौफ पैदा किया।
महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था में खालिस्तानी खतरे को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा उपायों को सख्त कर दिया है। मेला क्षेत्र में तीन स्तर की बैरिकेडिंग, 3,000 सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के जरिए कड़ी निगरानी रखी जा रही है, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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