भारतीय जनता पार्टी ने स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) को उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया है. स्वतंत्र देव सिंह इस वक्त योगी सरकार में परिवहन मंत्री हैं. बता दें कि केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद मौजूदा महेंद्र नाथ पांडेय ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी की ‘एक व्यक्ति-एक पद’ की नीति के तहत केंद्रीय मंत्री बनने के बाद महेंद्र नाथ पांडे एक साथ यूपी बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री नहीं रह सकते थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था.
कौन हैं स्वतंत्र देव सिंह?
स्वतंत्र देव सिंह का जन्म यूपी के मिर्जापुर जिले में हुआ. लेकिन उनकी कर्मभूमि बुंदेलखंड का जालौन जिला रही. बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले स्वतंत्र देव सिंह अपने परिवार के पहले व्यक्ति थे जो आरएसएस से जुड़े फिर बीजेपी में आकर सक्रिय राजनीति में इस मुकाम तक पहुंचे.
RSS से जुड़कर शुरू की राजनीति
स्वतंत्र देव सिंह 1986 में आरएसएस से जुड़कर संघ प्रचारक के रूप में काम किया. इसके बाद 1988-89 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में संगठन मंत्री बने. 1991 में बीजेपी कानपूर के युवा शाखा मोर्चा प्रभारी बने. बाद में उन्हें 1994 में बुंदेलखंड के युवा मोर्चा के प्रभारी के रूप में राजनीति में कदम रखा. उन्हें पार्टी ने 1996 में युवा मोर्चा का महामंत्री नियुक्त किया. 1998 में उन्हें दुबारा बीजेपी प्रदेश युवा मोर्चा का महामंत्री बनाया गया. वे 2001 में बीजेपी के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी बने.
रैलियों के आयोजन से मोदी-शाह के करीब आये
स्वतंत्र देव सिंह ने पहला विधानसभा चुनाव 2012 में लड़ा. बीजेपी ने स्वतंत्र देव सिंह को उरई की कालपी सीट से मैदान में उतारा. यहां उन्हें बुरी तरह हार मिली. इसके बाद भी उन्हें बीजेपी ने एमएलसी बनाया. 2014 में हुए आम चुनाव उनके लिए महत्त्वपूर्ण रहे. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में होने वाली रैलियों के आयोजन की कमान दे दी. यहीं से वह पीएम मोदी व अमित शाह के और करीब आ गए. बुंदेलखंड में मजबूत पकड़ के चलते 19 में से अधिकतर सीटों पर टिकट उनकी सलाह पर ही दिए गए. बीजेपी ने यहां से सभी 19 सीटें जीती तो उनका कद और बढ़ गया.
लोकसभा चुनाव में दिखा चुके हैं कौशल
स्वतंत्र देव सिंह बीजेपी के खाटी नेता माने जाते हैं. वे कुर्मी समाज से आते हैं और ओबीसी वर्ग के बड़े नेता हैं. उत्तर प्रदेश में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की रेस में इनका नाम भी था. स्वतंत्र देव सिंह ने विधानसभा चुनाव के दौरान यूपी में पार्टी की कई सफल रैलियां आयोजित करवाई थीं. इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी उन्हें मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य का प्रभारी बनाया गया था. उनके निर्देशन में बीजेपी ने एमपी की 29 में से 28 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी.
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