ललितपुर: किशोरी से दुष्कर्म का आरोपी SHO गिरफ्तार, ADG ने पूरे थाने को किया लाइन हाजिर

हाल ही में यूपी के ललितपुर (Lalitpur) में एक ऐसे मामला सामने आया है, जिसकी वजह से पूरे पुलिस विभाग पर सवाल उठने लगे. दरअसल, जिले में एक थाना प्रभारी (SHO) पर किशोरी के साथ रेप का आरोप लगा है. इस मामले की वजह से पूरा पुलिस विभाग इस वक्त निशाने पर है. अब किशोरी से रेप के आरोपी थाना प्रभारी को अरेस्ट करते हुए पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है. मामले में एसएचओ सहित सहित छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. एडीजी कानपुर जोन ने मामले की जांच डीआइजी झांसी को देकर 24 घंटे में र‍िपोर्ट मांगी है.

पूरा थाना लाइन हाजिर

जानकारी के मुताबिक, पीड़ित पक्ष का आरोप है कि ललितपुर जिले के पाली थाने के एसएचओ तिलकधारी सरोज ने किशोरी को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था. इस दौरान उसने थाना परिसर में बने अपने कमरे में किशोरी से दुष्‍कर्म किया.  इस घटना में एसएचओ और महिला सहित चार आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं. वहीं, दो लोग फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है. इस मामले में एडीजी कानपुर ने पूरे थाने के 6 एसआई, 6 हेड कॉन्स्टेबल, 10 आरक्षी, 5 महिला आरक्षी, एक ड्राइवर और एक फॉलोवर समेत 29 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर कर दिया है. इसके साथ ही आरोपी इंस्पेक्टर सस्पेंड किया गया है.

आरोपी ने खुद को बता बेगुनाह

वहीं इस मामले में आरोपी इंस्पेक्टर का बयान भी सामने आया है. दरअसल, आरोपी इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की. इसके बाद एडीजी जोन प्रयागराज प्रेम प्रकाश के सामने उसे पेश किया गया. पेशी से पहले आरोपी इंस्पेक्टर ने मीडिया से कहा कि वह पूरी तरह से निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है. अगर इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी तो वह दोषमुक्त होगा.

आरोपी इंस्पेक्टर की पत्नी संगीता सरोज ने भी पति के ऊपर लगाए गए आरोपों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाली नाबालिग का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है. पुलिस अधिकारियों पर उन्हें पूरा भरोसा है. वह कानूनी मदद के लिए पति के साथ प्रयागराज आई थी, जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

ये था पूरा मामला

गौरतलब है कि, पाली थाना क्षेत्र अंतर्गत रहने वाली एक 13 वर्षीय किशोरी को उसके ही गांव में रहने वाले 4 लड़के 22 अप्रैल को बहला फुसलाकर भोपाल ले गये, जहां जाकर उसके साथ तीन दिनों तक सामूहिक रेप की घटना को अंजाम दिया गया. तीन दिन बाद चारों आरोपियों ने नाबालिग किशोरी को पाली थाने में पहुंचाकर थाना इंचार्ज के सुपुर्द कर फरार हो गये थे. इसके बाद थाना इंचार्ज पाली ने नाबालिग पीड़ित को उसकी मौसी के साथ चाइल्ड लाइन भेज दिया.

दो दिन बाद उसे थाने में बुलाया गया, जहां पाली थाना इंचार्ज ने बयान लेने के बहाने नाबालिग किशोरी को एक कमरे में ले जाकर बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. नाबालिग किशोरी को उसकी मौसी के साथ चाइल्ड लाईन भेज दिया गया, जहां बच्ची ने काउंसलिंग के दौरान अपने साथ हुई पूरी घटना को बताया. जिसके बाद कार्रवाई का सिलसिला शुरू हुआ.

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )