हीरक जयंती समारोह मे इसरो के वैज्ञानिक द्वारा “करिअर एन स्पेस ” विषय पर व्याख्यान

मुकेश कुमार संवाददाता गोरखपुर। गणित एवं सांख्यिकी विभाग एवं नमस्कार फाउंडेशन के तत्वाधान में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हीरक जयंती के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं वक्ता अभिषेक कुमार सिंह, इसरो के वैज्ञानिक ने “करिअर एन स्पेस ” विषय पर व्याख्यान दिया!

कार्यक्रम की अध्यक्षता गणित एवं सांख्यिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय शंकर वर्मा ने की, जिन्होंने सभी अतिथियों का स्वागत किया। प्रो. शांतानु रस्तोगी, प्रतिकुलपति ने इसरो की उपलब्धियों पर विशेष रूप से स्पेसटाइम, चंद्रयान मिशन और रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट विषय पर प्रेरणादायक भाषण दिया तथा मुख्य अतिथि का स्वागत किया।

इस अवसर पर नमस्कार फाउंडेशन के अध्यक्ष नवनीत शर्मा ने नमस्कार फाउंडेशन का संक्षिप्त परिचय देते हुए बताया कि उनकी संस्था कौशल विकास और बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए छात्रों के लिए कार्यक्रम करती है! कार्यक्रम के समन्वयक डॉ राजेश कुमार ने कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की!

मुख्य वक्ता अभिषेक कुमार सिंह, जो स्वयं दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर के बीएससी गणित के पूर्व छात्र रह चुके हैं, ने छात्रों को अंतरिक्ष मिशन 2025 के तहत स्पेस साइंस में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
विगत वर्ष भारत द्वारा भेजे गए चंद्रयान-3 मिशन मे अभिषेक प्रोग्राम मैनेजर रहे है!
उन्होंने इसरो एव अन्य स्पेस एजेंसी में भर्ती प्रक्रिया पर छात्रों को विस्तार से जानकारी दी, जिसमें चयन प्रक्रिया, आवश्यक योग्यताएँ, परीक्षा प्रारूप, और तैयारी के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की।

अपने संबोधन में उन्होंने चंद्रयान- 3 मिशन पर भी प्रकाश डाला और बताया कि इसरो ने इस मिशन के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की, जो वैज्ञानिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने समझाया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग अत्यंत कठिन होती है क्योंकि इस क्षेत्र की सतह बहुत ही ऊबड़-खाबड़ है और गड्ढों से भरी हुई है, जिससे लैंडिंग स्थल का चुनाव चुनौतीपूर्ण हो जाता है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में सूरज की रोशनी बहुत कम समय के लिए रहती है, जिससे सौर ऊर्जा का उपयोग सीमित हो जाता है और अत्यधिक ठंड के कारण रोवर और लैंडर के उपकरणों को सुरक्षित रखना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि चंद्रमा के इस हिस्से में अब तक कोई मानव या रोवर मिशन नहीं उतरा था, जिससे इसके बारे में वैज्ञानिक जानकारी बहुत सीमित थी। इस क्षेत्र में जल-बर्फ की संभावित उपस्थिति भी एक महत्वपूर्ण कारण है, क्योंकि यह भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
समारोह के दौरान छात्रों ने हमारे वक्ता से अपनी जिज्ञासा शांत की एव स्पेस के क्षेत्र में करिअर की जानकारी प्राप्त की!

कार्यक्रम का संचालन डॉ. जूली श्रीवास्तव ने किया एव धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजेश कुमार ने किया! इस अवसर पर डॉ. ज्ञानवेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. अर्चना सिंह भदौरिया, प्रो. विजय कुमार, प्रो. सुग्रीव नाथ तिवारी, प्रो. हिमांशु पांडेय, डॉ. विकाश राना, नमस्कार फाउंडेशन की सदस्य अनन्या तिवारी सहित अन्य गणमान्य अतिथि एवं विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।
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