Loksabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा है. वहीं ओवरऑल भी देखें तो बीजेपी का प्रदर्शन उनकी उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा. 400 पार का नारा देने वाली भाजपा 240 सीटें ही जीत सकी. हालांकि उनकी अगुवाई वाले एनडीए को 292 सीटों के साथ बहुमत जरूर प्राप्त हुआ है. बीजेपी के प्रदर्शन में गिरावट के पीछे तमाम वजह निकलकर सामने आई हैं.
राजनीतिक जानकार बीजेपी के प्रदर्शन के पीछे खराब जतीय समीकरण को मान रहे हैं. उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में बीजेपी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, जहां पिछले चार चुनावों में बहुत सावधानी से बनाया गया जातीय समीकरण इस लोकसभा चुनाव में बिखर गया. जानकारों का मानना कि इस बार न केवल गैर-यादव ओबीसी वोट बैंक का कुछ हिस्सा बीजेपी से छिटका, बल्कि गैर-जाटव दलित वोटर भी खिसकर विपक्षी गठबंधन के पाले में गए. गैर-यादव ओबीसी में खटीक और कुर्मी वोटों का पलायन को हाईलाइट किया जा रहा है.
मायावती की बहुजन समाज पार्टी के कमज़ोर लडने के कारण दलित भी इस बार इंडिया गठबंधन के साथ चले गए. संविधान बदलने का विपक्ष का दुष्प्रचार बीजेपी पर भारी पड़ा और पार्टी का काउंटर ठीक से नहीं कर पाई. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी को झटका लगा है. इन चारों राज्यों में बीजेपी की सरकार है. लेकिन सरकार और संगठन में तालमेल की कमी इन चारों राज्यों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन की बड़ी वजह बतायी जा रही है. पार्टी के कार्यकर्ता सरकार में अपनी उपेक्षा से नाराज हैं और कई मौजूदा सांसदों को दोबारा टिकट देना भी एक गलत फैसला साबित हुआ.
यूपी-बिहार में RSS की बेरूखी पड़ी भारी
आरएसएस कार्यकर्ताओं की उदासीनता यूपी और बिहार में बीजेपी पर भारी पड़ी. माना जा रहा है कि चुनावों के बीच बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का आरएसएस को लेकर दिया गया बयान स्वयंसेवकों को रास नहीं आया. बाहरी नेताओं की फौज को बीजेपी में लाना और उन्हें टिकट देना भी संघ को पसंद नहीं आया. महाराष्ट्र इसका बड़ा उदाहरण है. बीजेपी के समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा भी इसका एक कारण है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में भाजपा ने इस बार बड़ी संख्या में अपने प्रत्याशियों को रिपीट किया. इसका खामियाजा भी पार्टी को भुगतना पड़ा.