महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) में सोमवार को बसंत पंचमी के पावन अवसर पर तीसरे ‘अमृत स्नान’ के लिए लाखों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। वहीं, इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि महाकुंभ में आम श्रद्धालुओं और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग-अलग घाट (VVIP Ghat) बनाए गए हैं।
क्या महाकुंभ में बना है VVIP घाट?
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राज्य सचिव कांग्रेस, पूर्व कार्यवाहक अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी और जिला स्तरीय मान्यता प्राप्त पत्रकार अर्पित उपाध्याय ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा कि अंधभक्तों यह सेटेलाइट की पिक्चर है जो “इसरो” ने जारी की है तो अंधभक्तों देख लो वीआईपी लोगों के लिए कितना बड़ा पाट है जहां आप गाड़ी सहित संगम तक जा सकते हैं और दूसरी तरफ आम जनता है जो कई किलोमीटर पैदल चलकर कई घंटे की यात्रा कर वहां पहुंच रही है।
वहीं, एक अन्य यूजर एडवोकेट विजय सिंह ने इस फोटो को पोस्ट करते हुए लिखा कि महाकुंभ में ये घटनाएँ क्यों हो रही हैं? यह हिंदुओं का महापर्व है, लेकिन मनुवादियों ने यहाँ भी अमीरों के लिए अलग VVIP व्यवस्था बना दी, एक बड़ा हिस्सा उनके लिए आरक्षित है, जबकि गरीबों और आम इंसानों को कीड़े-मकोड़ों की तरह महाकुंभ के एक हिस्से में धकेल दिया जाता है।
महाकुंभ में ये घटनाएँ क्यों हो रही हैं? यह हिंदुओं का महापर्व है, लेकिन मनुवादियों ने यहाँ भी अमीरों के लिए अलग VVIP व्यवस्था बना दी,
एक बड़ा हिस्सा उनके लिए आरक्षित है, जबकि गरीबों और आम इंसानों को कीड़े-मकोड़ों की तरह महाकुंभ के एक हिस्से में धकेल दिया जाता है। pic.twitter.com/pP9SGAmibJ
— Adv. Vijay Singh (@VijaySingh_law) February 2, 2025
फैक्ट चेक: क्या सच में बना है VVIP घाट?
वायरल तस्वीर और दावे की पड़ताल के लिए ब्रेकिंग ट्यूब ने प्रयागराज में महाकुंभ की कवरेज कर रहे अपने संवाददाता आलोक मालवीय से संपर्क किया। उन्होंने इस तरह की किसी भी विशेष वीवीआईपी घाट व्यवस्था से इंकार किया। उन्होंने बताया कि वायरल तस्वीर में जो घाट दिखाया जा रहा है, वह दरअसल अखाड़े के साधु-संतों के ‘अमृत स्नान’ के लिए बनाया गया अस्थायी घाट है। अमृत स्नान के दिन वहां केवल साधु-संत स्नान करते हैं, जबकि बाकी दिनों में आम श्रद्धालु भी उस घाट का उपयोग कर सकते हैं। यह परंपरा हर कुंभ मेले में लागू रहती है। ऐसे में, इसे वीवीआईपी घाट बताने का दावा पूरी तरह गलत है।
क्या मेले में VIP व्यवस्था मौजूद है?
आलोक मालवीय ने आगे बताया कि प्रयागराज के किला घाट के पास यमुना पट्टी पर एक घाट है, जहां से वीआईपी एंट्री पॉइंट बनाया गया है। हालांकि, यह स्थान संगम से करीब 1.5 किलोमीटर दूर है। जब प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या अन्य विशिष्ट व्यक्ति महाकुंभ में आते हैं, तो आम श्रद्धालुओं को किसी असुविधा से बचाने के लिए उन्हें इसी एंट्री पॉइंट से अंदर लाया जाता है। इस घाट से नाव के जरिए संगम तक पहुंचने की व्यवस्था होती है, लेकिन यह किसी भी रूप में विशेष स्नान घाट नहीं है।
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महाकुंभ में वीवीआईपी लोगों के लिए अलग घाट बनाने का दावा पूरी तरह फर्जी है। वायरल तस्वीर में दिखाया गया घाट दरअसल अखाड़ों के साधु-संतों के ‘अमृत स्नान’ के लिए तैयार किया गया था, जो कि एक पारंपरिक व्यवस्था है। वहीं, वीआईपी आगंतुकों के लिए अलग से एंट्री पॉइंट की व्यवस्था जरूर है, लेकिन यह संगम से काफी दूर स्थित है। इसलिए, सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा भ्रामक और गलत है।