महाराष्ट्र में जारी सियासी घमाशान अभी तक समाप्त नहीं हुआ है. इसी बीच शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौप दिया है. इस्तीफा देने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है, और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है. इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बात करते हुए अपने सरकार की कई उपलब्धियों का जिक्र भी किया और शिवसेना (Shivsena) के 50-50 के दावे का भी जवाब दिया है. आइए जान लेते हैं कि इस्तीफे के बाद देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा.
- पवार साहेब ने कहा वो विपक्ष में बैठेंगे लेकिन लगता है कि उनका पहले ही सब तय था. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर मैं कोई टिका टिप्पणी नही करूंगा लेकिन उनके अगल बगल के लोगों ने हमारे बीच दूरियां बढ़ाने का काम किया. उन्हें हम उन्हीं का भाषा मे जवाब दे सकते हैं पर हम जोड़नेवाले लोग है तोड़नेवाले नहीं.
- जब हम 2014 में अलग चुनाव लड़े थे तब भी हमने न बालासाहेब न उद्धव ठाकरे पर टिप्पणी की लेकिन उन्होंने हमारे शीर्षस्थ नेताओ के बारे में निम्न स्तर पर जाकर टिका टिप्पणी की. हमारे खिलाफ विपक्ष ने जो बोला नहीं वो शिवसेना ने बोला. मोदीजी का नेतृत्व दुनिया ने माना उनके खिलाफ शिवसेना ने टिका टिप्पणी की ये हम कैसे सहेंगे. फिर ऐसी सरकार का क्या फायदा जो अपने ही नेताओ पर टिका टिप्पणी करें.
- उद्धव ठाकरे को मैंने फोन करने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने चर्चा नही की. हमने चर्चा के दरवाजे खुले रखे थे. हमारे साथ चर्चा न करते जिनके खिलाफ चुनाव लड़े उनके साथ वो रोज चर्चा कर रहे थे. इस बात का हमें दुख है.
- एक बार मेरे सामने इस मुद्दे पर बातचीत भी टूट गई थी. जो बात हुई होगी वो उद्धव ठाकरे और अमित शाह के साथ हुई होगी. मैंने इसबारे में उनसे भी कंफर्म किया लेकिन उन्होंने भी कहा कि ऐसी कोई बात नही हुई थी ऐसा कोई वचन बीजेपी ने नही दिया था. आज भी मैं कहता हूं कि मेरे सामने कभी भी ढाई ढाई साल के सीएम की बात नही हुई थी.
- बीजेपी सबसे ज्यादा 105 सीटों पर जीती. इस चुनाव में हमने कम सीटें लड़ ज्यादा सीटें जीती। 70 फीसदी हमारा स्ट्राईक रेट रहा. जनता ने हमे जनादेश दिया, उम्मीद से कुछ सीटें कम मिली. उद्धव ठाकरे ने चुनाव नतीजों के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह दिया था कि हमारे सब विकल्प खुले है, हमारे लिए ये एक झटका था.
- लोकसभा में हमारे गठबंधन को यश मिला. विधानसभा में भी बीजेपी शिवसेना और अन्य सहयोगी दलों को स्पष्ठ बहुमत दिया.
- पांच साल जनता ने सेवा करने का मौका दिया जनता का शुक्रिया. बीजेपी नेता, कार्यकर्ता और सहयोगी दल शिवसेना और उनके नेता का भी धन्यवाद.
- पांच वर्ष पारदर्शिता से ईमानदारी से हमने सरकार चलाई. कई संकटों का सामना किया. सूखा, बेमौसम बारिश, बाढ़ जैसे संकट आए.
- जलयुक्त शिवार जैसी योजना हमने चलाई. महाराष्ट्र में इंफ्रास्ट्रक्चर के कई प्रोजेक्ट शुरू किए, जो प्रोजेक्ट बंद पड़े थे उन्हें भी शुरू किया.
- पांच वर्षो में भारी विकास राज्य में किया. ये भी सच है कि अभी भी कई समस्याएं राज्य के सामने है उसपर काम होना है.
आगे क्या?
सबसे बड़े दल को न्योता
अगर तय सीमा तक कोई भी दल सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करता है, तो राज्यपाल सबसे बड़े दल को ऐसा करने के लिए न्योता दे सकते हैं. फडणवीस के इस्तीफा देने के बाद भाजपा सरकार बनाने के लिए आगे आए, इसके आसार कम हैं. इस स्थिति में राज्यपाल दूसरे बड़े दल को भी बुला सकते हैं, लेकिन कोई भी दल अकेले इस स्थिति में नहीं है.
राष्ट्रपति शासन
अगर तय सीमा तक कोई भी दल सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आता है तो राज्यपाल राष्ट्रपति को इसकी रिपोर्ट भेजेंगे और उसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जा सकता है.
नए गठबंधन से सरकार गठन
राउत ने दावा किया है कि शिवसेना किसी भी समय सरकार बना सकती है. उनकी पवार से मुलाकात भी हुई है. ऐसे में शिवसेना-राकांपा गठबंधन की चर्चाएं तेज हैं. ऐसे में शिवसेना (56), राकांपा (54) गठबंधन कर लें और कांग्रेस (44) बाहर से समर्थन कर दे तो सरकार का गठन हो सकता है. हालांकि, पवार कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वे सत्ता में नहीं, विपक्ष में बैठने की जिम्मेदारी संभालेंगे.
कांग्रेस ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया
कांग्रेस ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि भाजपा ने शिवसेना विधायकों को खरीदने के लिए 50-50 करोड़ रुपए का ऑफर दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने कुछ कांग्रेस विधायकों से भी बात की थी.
हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों पर भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा- कांग्रेस और राकांपा ने हम पर आरोप लगाए हैं. वे 48 घंटे के भीतर आरोपों को साबित करें, या फिर महाराष्ट्र की जनता के सामने माफी मांगें. राज्य की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल कल (9 नवंबर) खत्म हो रहा है. फिलहाल, ऐसे में सरकार गठन को लेकर चल रहे प्रयासों का आज अंतिम दिन माना जा रहा है.
Also Read: जानिए क्या होती है Z+, Z, Y, X सुरक्षा कैटेगरी? यह SPG सुरक्षा से कैसे अलग है ?
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )