बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने हाथरस कांड (Hathras Stampede) पर पेश की गई एसआईटी रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि रिपोर्ट में मुख्य आयोजक भोले बाबा पर खामोश चिंता का कारण है। पूरे घटनाक्रम में उसे क्लीनचिट देने का प्रयास किया गया है।
भोले बाबा पर एसआईटी की खामोशी चिंता का कारण
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि उत्तर प्रदेश के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद है।
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उन्होंने आगे कहा कि इस अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।
बता दें कि इस मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इसके आधार पर एसडीएम, सीओ, एसओ व तहसीलदार समेत छह अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना के पीछे कार्यक्रम आयोजकों की लापरवाही मुख्य वजह है। यही नहीं, एसआईटी ने स्थानीय प्रशासन को भी घटना के लिए जिम्मेदार बताया है।
खास बात ये है कि एसआईटी की रिपोर्ट में कहीं भी नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का जिक्र नहीं किया गया है। गौरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में बीती 2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग के बाद भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए थे।
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