Caste Census: केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आगामी जनगणना में जातिगत जनगणना को शामिल करने का निर्णय लिया है। यह फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को दी है।
कैबिनेट समिति की मुहर
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने यह स्पष्ट रूप से तय किया है कि अब जाति आधारित आंकड़े भी जनगणना का हिस्सा होंगे। यह जातिगत गणना, मूल जनगणना प्रक्रिया के साथ-साथ कराई जाएगी।
पूर्ववर्ती सरकारों पर साधा निशाना
कैबिनेट के इस फैसले के बाद अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस और पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे हमेशा से ही जातिगत जनगणना का विरोध करती आई हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आज़ादी के बाद से अब तक कभी भी जातिगत आंकड़ों को आधिकारिक जनगणना में शामिल नहीं किया गया।
2010 में भी मिला था आश्वासन, पर नहीं हुई कार्रवाई
अश्विनी वैष्णव ने 2010 की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने लोकसभा में जातिगत जनगणना पर विचार करने का आश्वासन दिया था। कैबिनेट में इस पर चर्चा भी हुई, कुछ मंत्रियों ने समर्थन भी किया, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
सिर्फ सर्वे कर खानापूर्ति की गई
उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकारों ने महज एक सामाजिक-आर्थिक सर्वे करा कर इसे खानापूर्ति तक सीमित रखा और वास्तविक जातिगत आंकड़े एकत्र नहीं किए गए। जबकि अब केंद्र सरकार इसे पूरी पारदर्शिता और प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ाएगी।