UP में ऑपरेशन मुख्तार गैंग जारी, करीबी मोहम्मद आजम का अस्पताल जमींदोज करने की तैयारी

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के आपराधिक गैंग आईएस-191 के करीबी और नगर के बरबरहना निवासी मोहम्मद आजम द्वारा हमीद सेतु के पास गंगा नदी के किनारे बनाए गए शम्मे हुसैनी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर (Shamme Hussaini Hospital and Trauma Center) को जमींदोज करने का आदेश जारी हो गया है। सदर एसडीम की कोर्ट ने बीते 8 अक्टूबर को आदेश जारी करते हुए खुद गिराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है, नहीं तो इसके बाद प्रशासन स्वत: ही इसे ध्वस्त कर देगा।


सदर एसडीएम के अनुसार मानकों की घोर अनदेखी करते हुए इस भारी-भरकम अस्पताल को खड़ा किया गया है। शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन मुख्तार अंसारी, उनके परिजन, करीबी व सहयोगियों के खिलाफ पिछले करीब चार माह से लगातार चौतरफा कार्रवाई कर रही है। इससे मुख्तार के लगभग सभी करीबी भूमिगत हो गए हैं।


Also Read: गोंडा: पुजारी पर जानलेवा हमले मामले में वायरल Audio ने खोली लापरवाह SO की पोल, SP ने किया लाइन हाजिर


बीते गुरुवार को सदर एसडीएम प्रभास कुमार की कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शां अंसारी, बेटों अब्बास एवं उमर अंसारी के नाम से नगर के महुआबाग में संचालित गजल होटल को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया गया था। इसी दिन एसडीएम ने मुख्तार अंसारी के अति मो. आजम के हमीद सेतु के पास व गंगा नदी के ठीक किनारे बनाए गए भारी- भरकम शम्मे हुसैनी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर को भी ध्वस्त करने का आदेश जारी किया। अस्पताल के मालिकान को नोटिस देने के साथ ही वहां नोटिस चस्पा भी कर दिया गया है।


मुख्तार अंसारी के खिलाफ जिला प्रशासन की ताबड़तोड़ हो रही कार्रवाई से संबंधितों में खलबली मची हुई है। अभी एक सप्ताह पहले ही मो. आजम व उनके परिजनों के कुल 17 शस्त्र लाइसेंस को निरस्त कर शस्त्रों को मालखाने में जमा कराया गया। मो. आजम ने घोर अनियमितता करते हुए शम्मे हुसैनी अस्पताल एंड ट्रामा सेंटर को खड़ा किया है। इसे दो कारणों से ध्वस्त करने का आदेश पारित हुआ है।


Also Read: दो की दावेदारी में फंसा पेंच तो UP Police ने भैंस को ही सौंपा असली मालिक को पहचानने का जिम्मा, हो रही सराहना


पहला एनजीटी के गाइडलाइन के अनुसार नदी के 200 मीटर के अंदर कोई निर्माण नहीं हो सकता है। बावजूद इसके लिए गंगा के ठीक किनारे इतना बड़ा अस्पताल खड़ा कर दिया गया है। दूसरा गाजीपुर के मास्टर प्लान के अनुसार जहां अस्पताल खड़ा है, उसकी जमीन का कोई कामर्शियल प्रयोग नहीं हो सकता है। इन दोनों कारणों से वहां किसी भी प्रकार का नक्शा स्वीकृत नहीं हो सकता है। हालांकि नक्शा स्वीकृत भी नहीं हुआ था।


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )